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Rajasthan Results: राजस्थान में बीजेपी की अंतर्कलह बनी हार की वजह, सीएम को नहीं मिला साथ, पायलट का चला जादू

जयपुर ब्यूरो, राजस्थान में दस साल बाद कांग्रेस ने अपना सूखा खत्म कर दिया. इंडिया गठबंधन ने राजस्थान में 11 सीटों पर चुनाव जीता. जिसमें 8 सीटें कांग्रेस ने और 3 सीटों पर गठबंधन ने जीत हासिल की. 

Rajasthan Results: राजस्थान में बीजेपी की अंतर्कलह बनी हार की वजह, सीएम को नहीं मिला साथ, पायलट का चला जादू

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे में राजस्थान में बीजेपी की तगड़ा झटका लगा है. जहां लगातार दो बार से क्लीन सीप करने वाली भाजपा को 14 सीटों पर जीत मिली. वहीं कांग्रेस ने अपने 10 साल के सूखे खत्म किया. राजस्थान में कांग्रेस की जीत की कई वजह रही. लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि राजस्थान में सचिन पायलट का जादू एक बार फिर चल गया. 

कांग्रेस का गठबंधन करना फायदेमंद

राजस्थान लोकसभा चुनाव में स्थानीय पार्टियों के साथ कांग्रेस का गठबंधन करना फायदेमंद साबित हुआ है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खुद जिस शेखावटी की सीकर  सीट के क्षेत्र से आते है. वह सीट माकपा के अमरराम के लिए छोड़ दी.हीं आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल को नागौर और आदिवासी बेल्ट की सीट बांसवाड़ा में BAP पार्टी के राजकुमार रौत के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए बड़ा फ़ायदेमंद रहा है. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की मेहनत सही टिकट वितरण और सभी मुद्दों के साथ चुनाव लड़ना भी जीत की बड़ी वजह बना है.      

स्थानीय मुद्दों पर लड़ा चुनाव

राजस्थान में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव स्थानीय नेताओं और मुद्दों पर लड़ा. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने चुनाव मोदी के चेहरे और राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा. जिसका नुकसान बीजेपी को नतीजों पर उठाना पड़ा. 

CM भजनलाल को नहीं मिला किसी का साथ 

चुनाव में राजस्थान के सीएम भजनलाल अकेले ही बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करते रहे. उन्हें अन्य किसी नेता का भरपूर साथ ही नहीं मिला. साथ ही राज्य में प्रभारी का पद खाली होना और पार्टी में बिखराव की वजह भी हार की सबसे बड़ी वजह रही. पूर्वी राजस्थान में किरोड़ा लाल मीणा को बड़ा मंत्रालय ना मिलने की नराजगी का असर भी पूर्वी राजस्थान में देखने को मिला

वसुंधरा का चुनाव प्रचार से दूर रहना

राजस्थान में बीजेपी की स्टार नेता वसुधरा राजे का चुनाव प्रचार से दूर रहना हार की बड़ी वजह रही. वही प्रदेश अध्यक्ष CP जोशी, दिग्गज नेता गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल अपने-अपने चुनावों में व्यस्तत रहे. पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ जिस तरह से चूरू के चुनाव में उलझे वो भी एक बड़ा फैक्टर रहा.      

जातीय समीकरण को कांग्रेस ने साधा

दूसरी ओर इस चुनाव में कांग्रेस जातीय समीकरणों को भी साधने में कामयाबी रही. खास तौर पर SC, ST और जाट वोट इस बार पूरी तरह से कांग्रेस के साथ रहा. कांग्रेस गठबंधन में जीतकर आने वाले सांसदों में पांच जाट और अन्य SC-ST वर्ग से आते हैं.  

पूर्वी राजस्थान में पायलट का चला जादू

पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस जीत की सबसे बड़ी वजह सचिन पायलट रहे. उन्होंने यहां केवल सांसदों को टिकट ही नहीं दिलाया. बल्किं उनके लिए खूब प्रचार प्रसार भी किया. श्रीगंगानगर से इंदौरा, टोंक सवाई माधोपुर से हरीश मीणा, दौसा से मुरारीलाल मीणा भरतपुर से संजना जाटव और बृजेन्द्र ओला की जीत पायलट खेमे की जीत मानी जा रही है.