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Rajasthan News: जवारा विसर्जन में राजकुमार रोत हुए शामिल, हिंदू होने पर हुए सवाल

राजकुमार रोत, जो अक्सर खुद को हिंदू न मानने की बात कहते आए हैं, ने नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी के मौके पर जवारा विसर्जन कार्यक्रम में भाग लिया। इस कदम ने उनके हिंदू न होने के बयान पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आदिवासी परंपराओं से जुड़े इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति ने लोगों के बीच विरोधाभास की चर्चा छेड़ दी है। 

Rajasthan News: जवारा विसर्जन में राजकुमार रोत हुए शामिल, हिंदू होने पर हुए सवाल

राजकुमार रोत 11 अक्टूबर को नवरात्रि के अंतिम दिन, नवमी के मौके पर जवारा विसर्जन के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ तस्वीरें साझा कीं और एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा, "आज गामखेड़ाई मताई भराडी- कुणीया पर पुरखाई नोव वारिया वाडी-जवाहरा पदरावा एव बार महीने नी कोहल बदले हवन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए! मताई कुणीया की जय, मताई भराड़ी की जय।"

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आदिवासी समाज में नवरात्रि का विशेष महत्व

नवरात्रि उत्सव का आदिवासी समाज में विशेष महत्व है। इस दौरान स्थानीय आदिवासी समुदाय माता के पूजन के लिए नवरात्रि स्थापना के दिन जवारे उगाते हैं और नवमी के दिन उनका विसर्जन करते हैं, जिसे "वाड़ी विसर्जन" कहा जाता है। भारत रफ्तार की टीम ने डूंगरपुर और बांसवाड़ा के सीमलवाड़ा, सागवाड़ा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जब इस परंपरा के बारे में जानकारी ली, तो वहां से कई तस्वीरें प्राप्त हुईं। इन तस्वीरों में आदिवासी समाज की भक्ति भावना साफ झलक रही है, जिसमें वे माता जी का विसर्जन कर रहे हैं।

पूर्वजों से चली आ रही है परंपरा

स्थानीय आदिवासी बताते हैं कि यह परंपरा उनके पूर्वजों से चली आ रही है और वे इस परंपरा का पालन करते हुए माता की पूजा करते हैं। इस उत्सव में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ विसर्जन की प्रक्रिया पूरी की जाती है।

राजकुमार खुद को नहीं मानते हैं हिंदू

हालांकि, इस कार्यक्रम में राजकुमार रोत की भागीदारी ने कई सवाल खड़े किए हैं। राजकुमार अक्सर यह कहते आए हैं कि वे हिंदू नहीं हैं और यह बात वे खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के लिए कहते हैं।

लोग कर रहे कमेंट

उनके इस बयान के बावजूद, नवरात्रि के मौके पर जवारा विसर्जन जैसे हिंदू धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेना उनके हिंदू न होने के दावे पर सवाल उठाता है। ऐसे में राजकुमार का ट्वीट साझा करना और कार्यक्रम में सम्मिलित होना उनके बयान के प्रति एक विरोधाभास प्रस्तुत करता है, जिस पर लोगों की विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।