इमरजेंसी पर राज्यवर्धन राठौड़ ने किया राष्ट्रभक्तों को नमन, कहा ‘डार्क डेज ऑफ़ इमरजेंसी ने नष्ट की बुनियादी स्वतंत्रता’
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और झोटवाड़ा से भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मंगलवार को आपातकाल को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र का अपमान करते हुए कांग्रेस पार्टी ने 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू किया। वो आपातकाल के विरोध में खड़े होने वाले लोकतंत्र के प्रहरी समस्त राष्ट्रभक्तों को कोटि-कोटि नमन करते हैं।
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और झोटवाड़ा से भाजपा विधायक कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने मंगलवार को आपातकाल को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के लोकतंत्र का अपमान करते हुए कांग्रेस पार्टी ने 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू किया। वो आपातकाल के विरोध में खड़े होने वाले लोकतंत्र के प्रहरी समस्त राष्ट्रभक्तों को कोटि-कोटि नमन करते हैं। संविधान को बचाने की लड़ाई में आप सभी द्वारा दिया गया योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
‘परिवार के सुख के लिए किए के नागरिक अधिकार निलंबित’
भारतीय लोकतंत्र और राजनीति के सबसे दुःखद और काले अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठी हर आवाज को सादर नमन। pic.twitter.com/LMLHs5Vfks
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) June 25, 2024
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे। 25 जून, 1975 को रात के अंधेरे में कांग्रेस की सरकार ने भारत के लोकतंत्र को नष्ट करने का प्रयास किया था।
‘डार्क डेज ऑफ़ इमरजेंसी ने नष्ट की बुनियादी स्वतंत्रता’
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, डार्क डेज ऑफ़ इमरजेंसी हमें याद दिलाती है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रता को नष्ट कर दिया और भारत के संविधान को कुचल दिया, जिसका हर भारतीय सम्मान करता है। देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। 25 जून, 1975 को कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। कांग्रेस की आपातकाल वाली मानसिकता आज भी नहीं गई है। आपातकाल के बंदी आज भी यातनाएं नहीं भूले हैं और ना कभी भूल पाएंगे। आपातकाल, एक ऐसा कालखंड जिसने केवल देश ही नहीं बल्कि इसके प्रत्येक नागरिक के सपनों को कुचल दिया था।