Rajasthan News: जीत के साथ बीजेपी पर संकट के बादल ! प्रभारी के बयान ने खड़ी की नई मुसीबत,समझें गणित
राजस्थान उपचुनावों में जीत के बाद बीजेपी नेता राधा मोहन अग्रवाल के विवादित बयान, सचिन पायलट को 'फर्जी', हनुमान बेनीवाल को 'चूहा' और नरेश मीणा को 'लंपट' बताया। क्या इन बयानों से बीजेपी को होगा नुकसान? जानें राजनीतिक गलियारों में क्या है चर्चा।
राजस्थान में 7 सीटों में से पांच सीटें जीतने के बाद भाजपा की खुशी आसमान पर है लेकिन इस खुशी को पचापाना उतना आसान नहीं जितना लगता है। दरअसल, यह हम नहीं बल्कि बीजेपी राजस्थान के प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल के बयान कहते हैं। जीत के बाद उनके ऐसे कई बयान सामने आए जहां उन्होंने सचिन पायलट को फर्जी नेता, हनुमान बेनीवाल को चूहा और नरेश मीणा को लंपट निर्दलीय प्रत्याशी बता डाला। उनके इस बयान का तीनों नेताओं के समर्थक विरोध कर रहे हैं। वहीं, बयानों का परिणाम क्या हो सकता है ये जानते हैं।
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राधा मोहन दास के निशाने पर सचिन पायलट
सचिन पायलट को लेकर राधा मोहन दास की यह पहली टिप्पणी नहीं है। इससे पहले भी वह कई आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। एक बार तो बात इतनी बढ़ गई थी कि पायलट समर्थकों ने विधानसभा पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था, इस बार भी उनके बयान से सियासी पारा चढ़ना बिल्कुल तय है। सचिन पायलट गुर्जर समाज के बड़े नेता हैं। ऐसे में इस बयान पर गुर्जर समाज की प्रतिक्रिया आना तय है। इतना ही नहीं की एक्सपर्ट्स मानते हैं ,आगामी चुनाव में अगर इन बयानों को याद किया जाता है तो बीजेपी को तगड़ा नुकसान भी हो सकता है।
नरेश मीणा पर दिया बयान कितना सही ?
राधा मोहन दास ने नरेश मीणा को निर्दलीय लंपट बता डाला। हालांकि यह बयान कहीं से भी सटीक नहीं बैठता। 15 दिन पहले चुनावी मैदान में उतरने वाले नरेश मीणा ने 60000 वोट हासिल कर कांग्रेस को तीसरे नंबर पर धकेल दिया। वहीं, थप्पड़ कांड के बाद लगातार तमाम जिलों में मीणा की रिहाई के लिए प्रदर्शन किया जा रहे। हैं ऐसे में नरेश मीणा के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल कितना सही है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
हनुमान बेनीवाल पर बीजेपी नेताओं की प्रतिक्रिया
हनुमान बेनीवाल को उनके गढ़ खींवसर में हराना बीजेपी के लिए भले बड़ी अचीवमेंट है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीति को निम्न स्तर पर ले जाया जाए और उन्हें चूहा कहा जाये। बीजेपी नेताओं को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आने वाले समय में नागौर और खींवसर दोनों सीटों पर चुनाव होंगे। ऐसे में अगर यह बयान आगामी चुनाव में सामने आते हैं तो बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। बरहाल चुनाव में किसी एक दल को जीत तो किसी एक दल को हारना पड़ता है लेकिन इसे भी चुनावी जीत को पचाना सबसे बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में सभी दलों का कर्तव्य है कि चुनाव में हर पर मंथन करना चाहिए ना कि एक दूसरे पर निम्न स्तर की बयान बाजी खैर देखना होगा राजस्थान के तीन बड़े नेताओं पर की गई टिप्पणी क्या मोड़ लेती है।