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कोटा में 9वीं मंजिल से कूदी छात्रा, नीट की परीक्षा में फेल होने के बाद उठाया हैरान करने वाला कदम

राजस्थान के कोटा में एक और छात्रा ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। बागिशा तिवारी नाम की छात्रा ने बिल्डिंग के 9वें माले से कूदकर आत्महत्या कर सभी को हैरत में डाल दिया है। वह यहां एक कोचिंग में पढ़ाई करती थी।

कोटा में 9वीं मंजिल से कूदी छात्रा, नीट की परीक्षा में फेल होने के बाद उठाया हैरान करने वाला कदम

राजस्थान के कोटा में एक और छात्रा ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। बागिशा तिवारी नाम की छात्रा ने बिल्डिंग के 9वें माले से कूदकर आत्महत्या कर सभी को हैरत में डाल दिया है। वह यहां एक कोचिंग में पढ़ाई करती थी। मृतक छात्रा मध्य प्रदेश के रीवा की रहने वाली बताई जा रही है। वह यहां रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इग्जाम का रिजल्ट आने के बाद से वो काफी तनाव में चल रही थी। आत्महत्या करने वाली छात्रा कोटा के जवाहर नगर इलाके में अपने भाई और मां के साथ रहती थी। आत्महत्या के बाद मृतक छात्रा बागिशा के शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।

कोटा में लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामले

पिछले इतिहास पर अगर नजर डाले तो कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले पांच महीनों में 10 छात्र-छात्राएं यहां आत्महत्या कर चुकी हैं। मध्य प्रदेश के रीवा जिले की निवासी बागीशा तिवारी कोटा के एक कोचिंग संस्थान में नीट-यूजी की तैयारी कर रही थी। जवाहर नगर पुलिस थाने के सर्किल इंस्पेक्टर की अगर बात माने तो छात्रा का भाई 12वीं कक्षा में पढ़ता है और वह संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी कर रहा है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने मंगलवार को नीट यूजी के परिणाम घोषित किए थे। उन्होने बताया कि बागीशा जब इमारत की नौवीं मंजिल की बालकनी से छलांग लगाने जाने जा रही थी तो एक महिला ने उसे ऐसा करते हुए देखा था और उसे रोकने की कोशिश भी की लेकिन बागीशा नहीं रुकी और उसने छलांग लगा दी।

अप्रैल में भी एक छात्र ने किया था सुसाइड

इससे पहले अप्रैल के महीने में भी एक छात्र ने यहां आत्महत्या कर ली थी। इस छात्र ने फांसी लगाकर अपनी जान दी थी और सुसाइड नोट भी छोड़ा था। छात्र ने अपने रजिस्टर में लिखा था कि 'सॉरी पापा मुझसे नहीं हो पाएगा'। कोटा में कई छात्र उम्मीद के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाने पर जान दे देते हैं। इसे रोकने के लिए प्रशासन ने हर हॉस्टल के हर कमरे में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा भी छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। हालांकि, ये प्रयास छात्रों की आत्महत्या के मामले कम नहीं कर पा रहे हैं।