सुप्रीम कोर्ट का राजस्थान सरकार को बड़ा आदेश, ‘सरिस्का टाइगर रिजर्व से 1 किलोमीटर के दायरे में न हो खनन’
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को बड़ा आदेश जारी किया है। उच्च न्यायालय ने खनन गतिविधियों पर आदेश जारी करते हुए कहा कि इसके तहत राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर पूरी तरह से रोक लगी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को बड़ा आदेश जारी किया है। उच्च न्यायालय ने खनन गतिविधियों पर आदेश जारी करते हुए कहा कि इसके तहत राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के 1 किलोमीटर के दायरे में खनन पर पूरी तरह से रोक लगी रहेगी।वहीं अपने आदेश में कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार इसको लेकर क्लोजर प्लान बनाए और आदेश का अनुपालन हो। कोर्ट द्वारा ये भी कहा गया कि इसके लिए हर तरह के आवश्यक कदम उठाए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले का लिया संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संदिप मेहता और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में खनन का संज्ञान लेते हुए ये फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 मई) को अपने फैसले में साफ कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में सभी खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी जाए। इसके लिए राजस्थान सरकार को क्लोजर रिपोर्ट भी बनाने को कहा गया है।अब इस मामले में सुनवाई जुलाई महीने में होगी।
खनन गतिविधियों पर कोर्ट कर रहा सुनवाई
शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य के 10 किमी क्षेत्र के भीतर और सरिस्का टाइगर रिजर्व के 1 किमी क्षेत्र के भीतर अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए राजस्थान के लिए एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में किये गये बड़े दावे
याचिका में दावा किया गया था कि राजस्थान में कई खनन कंपनियां सरिस्का टाइगर रिजर्व के सीटीएच क्षेत्रों वाले इको सेंसिटिव जोन में खनन गतिविधियों में शीर्ष अदालत द्वारा जारी किए गए विभिन्न आदेशों और निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं।
मंजूरी के बिना हो रहा था खनन
आरोप लगाया गया था कि विभिन्न व्यक्ति और कंपनियां राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना और पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के भीतर या उससे बाहर काम करने के लिए वैध पर्यावरणीय मंजूरी लिए बिना अवैध खनन गतिविधियों को अंजाम दे रही है।