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शराब बंदी को लेकर एकजुट हुए ग्रामीण, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

राजसमंद,  जिले की पसुंद पंचायत में पूरी तरह से शराब बंदी के मांग को लेकर सरपंच ने गांव वाले के साथ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि आये दिन निर्मल ग्राम पंचायत पसुंद में शराब के कारण कई लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है. 

शराब बंदी को लेकर एकजुट हुए ग्रामीण, जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जिले की पसुंद पंचायत में पूरी तरह से शराब बंदी के मांग को लेकर सरपंच ने गांव वाले के साथ जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि आये दिन निर्मल ग्राम पंचायत पसुंद में शराब के कारण कई लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है. 

राजसमंद के पुसंद पंचायत के लोगों ने एक फिर शराब बंदी को लेकर आवाज बुलंद की है. पसुंद गांव के लोग लंबे समय से गांव में शराब बिक्री ना होने की मांग कर रहे. जिससे गांव की युवा पीढ़ी को शराब की लत से बचाया जा सके. लेकिन अबकारी विभाग के द्वारा अग्रिम कर्रवाई नहीं की जा रही है. जिसकी वजह से गांव वालों की शराबबंदी अभियान सफल नहीं हो पा रही हैं.इसी कड़ी में मंगलवार को ग्रामीणों ने कलेक्टर डॉ. भंवर लाल को आबकारी विभाग के खिलाफ अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई.

 

पसूंद पंचायत के सरपंच अयन जोशी ने ग्रामीणों के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इसमें बताया गया कि आए दिन निर्मल ग्राम पंचायत पसूंद में शराब के कारण कई लोगों का जीवन बर्बाद हो रहा है. शराब की लत के कारण 20 साल के युवक ने अपनी 18 साल की पत्नी को नशे में सिर पर डंडे से वार कर मौत के घाट उतार दिया. ऐसे कई परिवार पंचायत में उजड़ चुके है. ग्रामीणों के साथ 27 जनवरी 2023 को सरपंच ने ज्ञापन सौंप कर शराब के ठेके को बंद करने की अपील की. इसके बाद ग्रामीणों ने हस्ताक्षर कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और शराबबंदी को लेकर चुनाव कराने की अपील की.

 

इसके बाद प्रशासन द्वारा सभी प्रक्रियाओं का समय पर संज्ञान लेते हुए सत्यापन रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर द्वारा आबकारी आयुक्त, उदयपुर को 03 मार्च 2023 को पत्र जारी कर चुनाव की अग्रिम प्रक्रिया का पालन करने के लिए आदेशित किया गया था. इसके बाद आबकारी आयुक्त, उदयपुर द्वारा 10 अप्रैल 2023 को जिला आबकारी अधिकारी राजसमंद को रिपोर्ट बनाकर पेश करने को कहा गया. लेकिन इस संदर्भ में एक साल बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही चुनाव की तारीख तय की गई. ग्रामीणों ने विभाग पर आरोप लगाया कि जैसे तैसे ग्रामीणों के शराबबंदी आंदोलन को असफल करने के प्रयास किए जा रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द से जल्द चुनाव की तारीख नहीं दी गई तो कलेक्ट्रेट के बाहर ग्रामीणों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा.

 

आबकारी अधिकारी राजसमन्द से शराबबंदी की प्रक्रिया की अग्रिम कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो इनके द्वारा जवाब मिलता है कि सरकार को मार्गदर्शन के लिए लिखा जाएगा उसके बाद ही आगे कुछ होगा.