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राजस्थान में क्या है वसुंधरा समर्थक सांसदों का हाल

पिछले विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों के बड़ी तादात में टिकट काटे गए थे. अब जब लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है तो हाल प्रदेश में अभी भी काफी हद तक वैसा ही है. पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थक सांसदों के टिकट काट दिए हैं. बीजेपी की ओर से केवल झालावाड़ से पांचवी बार वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत को सांसद का टिकट मिला है.

राजस्थान में क्या है वसुंधरा समर्थक सांसदों का हाल

राजस्थान की सियासत वक्त के साथ बदल रही है और अब नए लोगों को भी बड़ी संख्या में बीजेपी की ओर से मौका दिया जा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव की अगर बात करें तो वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों के बड़ी तादात में टिकट काटे गए थे. अब जब लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है तो हाल प्रदेश में अभी भी काफी हद तक वैसा ही है. पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के समर्थक सांसदों के टिकट काट दिए हैं. बीजेपी की ओर से केवल झालावाड़ से पांचवी बार वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत को सांसद का टिकट मिला है.

श्रीगंगानगर सीट पर मौजूदा सांसद निहालचंद मेघवाल का टिकट काटकर प्रियंका बैलान को प्रत्याशी बनाया गया है. प्रियंका बैलान प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ युवा मोर्चा में प्रदेश सचिव रह चुकी हैं. चुरू से दो बार के सांसद रहे राहुल कस्वां का टिकट काटने का भी कारण वसुंधरा राजे का नजदीकी होना था. राहुल कस्वां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के भाई कुलदीप के दामाद है. फिर भी राजेंद्र राठौड़ के विरोध के चलते उनका टिकट काटा गया. 

झुंझुनू से भी नरेंद्र कुमार खीचड़ की जगह पूर्व में विधायक रहे शुभकरण चौधरी को प्रत्याशी बनाया गया है. जयपुर लोकसभा सीट से भी बीजेपी से दो बार के सांसद रामचरण बोहरा का टिकट काटकर मंजू शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया. रामचरण वसुंधरा राजे के नजदीकी लोगों में हैं. वहीं दौसा से बीजेपी सांसद जसकौर मीणा का टिकट कट गया है. वहीं प्रदेश सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा अपने भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिलवाना चाहते थे। इसलिए बीजेपी ने वहां से चार बार के विधायक और मंत्री कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है.

करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया का टिकट काट कर पूर्व प्रधान इन्दु देवी जाटव को प्रत्याशी बनाया है. उदयपुर लोकसभा सीट पर भी अर्जुनलाल मीणा का टिकट काटकर उनकी जगह मन्नालाल रावत को उम्मीदवार बनाया गया है. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर मौजूदा सांसद कनकमल कटारा का टिकट काटकर बीजेपी में आए विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय को प्रत्याशी बनाया गया है।  भीलवाड़ा सीट पर सुभाष बहेड़िया का टिकट कटना भी तय है क्योंकि यहां से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं हो पाई है.

जिस तरह से हाल के चुनाव की स्थिति देखी गई है उससे यह तस्वीर तो साफ है कि पार्टी प्रदेश में एक बात साफ कर देना चाहती है कि अब पीढ़िगत और परंपरागत चुनाव की प्रक्रिया को बदला जाएगा. साथ ही जिस तरह से सीएम के तौर पर भजनलाल शर्मा को बीजेपी ने चुना उससे यह भी अब साफ है कि स्थानीय स्तर के कार्यकर्ताओं को भी अब पार्टी में पूरा मौका मिलेगा.