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क्या इस्तीफा देने के मूड में हैं किरोड़ी लाल मीणा ? किस ओर इशारा कर रहे संकेत ?

कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि उनका यह फैसला राजस्थान की राजनीति में खलबली मचाने के लिए काफी होगा. एकतरफ किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश की भजन लाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि किरोड़ी लाल 4 जून के बाद से न तो अपने विभाग पहुंचे है और न ही अपनी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. 

क्या इस्तीफा देने के मूड में हैं किरोड़ी लाल मीणा ? किस ओर इशारा कर रहे संकेत ?

लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ऐसा लग रहा है जैसे राजस्थान की राजनीति में कुछ ठीक नहीं चल रहा. लगातार बीजेपी सरकार में खींचतान का दौर जारी है. साथ ही साथ कुछ के चेहरे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इसी में एक बड़ा नाम है भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का.

कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. हालांकि उनका यह फैसला राजस्थान की राजनीति में खलबली मचाने के लिए काफी होगा. एकतरफ किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश की भजन लाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि किरोड़ी लाल 4 जून के बाद से न तो अपने विभाग पहुंचे है और न ही अपनी सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किया गया उनका दावा आने वाले समय में बहुत बड़ा राजनैतिक खेल करने वाला साबित हो सकता है.

प्रचार के दौरान की थी घोषणा

चुनाव प्रचार के दौरान भजनलाल सरकार के मंत्री किरोड़ी ने एक पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि प्राण जाई पर वचन न जाई. ऐसे में जिस तरह से नतीजे आए सबसे बड़ा सवाल उठना यही शुरू हुआ कि क्या अब किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देंगे.

चुनाव प्रचार के दौरान ही किरोड़ी लाल मीणा ने यह घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे 7 सीटों की जिम्मेदारी दी थी. अगर इन सीटों में से कोई भी सीट बीजेपी हारती है तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. उनके इस दावे पर सवाल भी उठे और बवाल भी हुए. वहीं दूसरी ओर जब नतीजे आए तो वो बीजेपी और किरोड़ी लाल मीणा के लिए उम्मीद के मुताबिक बिल्कुल भी नहीं थे. प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें बीजेपी हार गई. यही नहीं जिन सीटों की जिम्मेदारी किरोड़ी लाल मीणा ने ली थी, वहां भी बीजेपी का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा.

आंदोलनों के लिए मशहूर राजस्थान के जमीनी नेता किरोड़ी लाल मीणा के इस दावे पर खूब सवाल उठे. 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए तो रिजल्ट न तो भाजपा के पक्ष में था और ना ही किरोड़ी लाल मीणा के पक्ष में. राजस्थान की कुल 25 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. किरोड़ी लाल मीणा ने जिन सात सीटों की जिम्मेदारी ली थी, वहां भी भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. 

किरोड़ी लाल मीणा ने 7 सीटों (भरतपुर, धौलपुर करौली, अलवर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, टोंक सवाई माधोपुर और झालावाड़) की जिम्मेदारी ली थी. जिनमें से 4 सीटों पर बीजेपी हार गई. यहां भरतपुर में कांग्रेस की संजना जाटव, धौलपुर करौली में भजनलाल जाटव, दौसा में मुरारी लाल मीणा और टोंक सवाई माधोपुर में हरीश चंद्र मीणा ने जीत हासिल की है. ये वो सीटें हैं जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने भी प्रचार में खूब पसीना बहाया था.  

अब ऐसे में मीणा के इस्तीफे का सवाल आ खड़ा हुआ है. चर्चा शुरू हुई कि क्या अपने दावे पर किरोड़ी लाल मीणा बने रहेंगे, वो अपने पद से इस्तीफा देंगे या पद पर बने रहेंगे और अगर वो इस्तीफा देंगे तो कब देंगे. वहीं इन सबके बीच किरोड़ी लाल मीणा ने आग को घी डालने का काम तब किया जब उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर के लिखा कि- ‘रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई’. इसके बाद से राजनीतिक जानकारों का ये मानना है कि अभी भी किरोड़ी लाल मीणा अपने वचन पर बने हुए हैं.

दौसा में मेहनत के बाद भी नहीं कर पाए कमाल

दौसा में चाहे प्रधानमंत्री की रैली हो या फिर वोटिंग डे, किरोड़ी लाल मीणा ने बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इस इलाके में मीणा का खास प्रभाव माना जाता है. यहां से बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मीणा ने वोट बारात निकाली, मीणा पंचायत तक की. इसके बावजूद भी किरोड़ी लाल मीणा दौसा की सीट नहीं बचा पाए.

लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. हालांकि अंतरखाने ये खबर आ रही है कि किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी सरकारी गाड़ी तक छोड़ दी है और अपने विभाग में भी नहीं आ रहे हैं. लेकिन इस्तीफे को लेकर वो अभी चुप है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली से किसी संकेत का इंतजार किया जा रहा है.

लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही उठता है कि क्या वाकई इस राजनीतिक उठापटक के बीच मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देंगे और अगर देंगे तो आगे लपेटे में और कौन कौन आ सकता है.