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आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…

जयपुर शहर अपने किलों और महलों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यहां दूर दूर से लोग हर साल आते हैं और किलों और महलों के भव्यता का लुत्फ उठाते है। जयपुर अपनी ऐतिहासिक रूप से एक अलग ही पहचान रखता है। यहां बने हुए किले महल शानदार है जिनका एक बार कोई दीदार कर ले तो वह उसे कभी नहीं भूलता है। ऐसा ही एक महल है जिसके आगे आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर मजबूर कर देता है।

आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…
आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…
आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…
आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…
आप शीश महल को देख हो जाएंगे खुशनुमा… जिसकी खूबसूरती और कारीगरी आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर कर देता है मजबूर…

जयपुर शहर अपने किलों और महलों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है। यहां दूर दूर से लोग हर साल आते हैं और किलों और महलों के भव्यता का लुत्फ उठाते है। जयपुर अपनी ऐतिहासिक रूप से एक अलग ही पहचान रखता है। यहां बने हुए किले महल शानदार है जिनका एक बार कोई दीदार कर ले तो वह उसे कभी नहीं भूलता है। ऐसा ही एक महल है जिसके आगे आज के इंजीनियर और डिजाइनरों को सोचने पर मजबूर कर देता है।

जयपुर के आमेर फोर्ट में स्थित शीश महल जो आमेर किले का सबसे सुंदर महल है। जिसे देखने के लिए लोग टिकट के लिए लाइन लगायें खड़े रहते हैं। इस महल की भव्य वास्तुकला और डिजाइन देखने लायक़ है।

शाही राजपूत वास्तुकला की एक विशिष्ट विशेषता, जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में शीश महल देखने वाले की आंखों को लुभाता है। जोधपुर के ग्लास पैलेस के रूप में भी जाना जाता है। वास्तुकला का यह अद्भुत नमूना छत से फर्श तक जटिल दर्पण काम से सजाया गया है। ये सजावटी आभूषण प्लास्टर से बने विभिन्न धार्मिक आकृतियों के चमकीले रंग के चित्रों के साथ अच्छी तरह से पूरक है।

राजा ने रानियों के लिए सुन्दर शीश महल बनवाया था

आमेर किले में बना शीश महल कलात्मकता और सौंदर्यशास्त्र की एक अलग ही झलक पेश करता है। जिसकी सुंदरता के आगे आज के समय में बनी हुई कांच की बड़ी-बड़ी इमारतें फिकी पड़ जाती हैं। शीश महल की बनावट राजस्थानी वास्तुकला पर इस्लामी स्थापत्य प्रभाव देखने को मिलता है। इस महल का निर्माण 17वीं शताब्दी 1727 में जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह ने करवाया था।

कई सजावटी पैनलों में भगवान ब्रह्मा, भगवान शिव और पार्वती, भगवान कृष्ण को बांसुरी बजाते हुए और भगवान राम जैसे देवताओं को दिखाया गया है। जो उस समय की कला पर धर्म और संस्कृति के मजबूत प्रभाव को दर्शाते हैं। छत और फर्श दर्पणों से जड़े हुए हैं। जिससे कमरे को हॉल ऑफ मिरर्स का खिताब मिला है। छत पर लटके नीले, हरे, चांदी और सोने के आभूषणों के साथ-साथ भव्य यूरोपीय झूमर इस हॉल में बाद में जोड़े गए हैं। मेहरानगढ़ का शीश महल महाराजा अजीत सिंह का शयनकक्ष था। जिन्होंने 1679 और 1724 के बीच जोधपुर पर शासन किया था।