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महेंद्र सिंह धोनी ने खुद बताए क्या होते हैं सबसे बेहतर 'कप्तान' के गुण

धोनी का मानना है कि एक लीडर के रूप में सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कुर्सी के साथ नहीं आता है। सम्मान हासिल करने की कोशिश नहीं करो, बल्कि इसे अर्जित करें क्योंकि यह बहुत स्वाभाविक है। एक बार जब आपके पास इस तरह की लॉयल्टी होगी तो प्रदर्शन भी आएगा।

महेंद्र सिंह धोनी ने खुद बताए क्या होते हैं सबसे बेहतर 'कप्तान' के गुण

चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ मैच हो, तो स्टेडियम का रंग पीला नजर आता है। महेंद्र सिंह धोनी ये आज उनके फैंस के लिए सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि एक इमोशन है। क्रिकेट के फील्ड में ही नहीं बल्कि माही को लीडर मानने और उनसे लीडरशिप के गुण सीखने वाले हर फील्ड में मिल जायेंगे। महेंद्र सिंह धोनी ने खुद लीडरशिप की क्या असल क्वालिटी हैं, बताई थीं।

आपका स्वभाव आपको सम्मान दिलाता है

भारतीय क्रिकेट टीम को दो विश्वकप जिताने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को एक बेहतरीन लीडर कहा जाता है। उसके साथी खिलाड़ियों के साथ एक्सपर्ट्स भी इस बात को मानते है। एक कार्यक्रम के दौरान धोनी ने खुद लीडरशिप को लेकर बात की थी। उन्होंने कहा 'लॉयल्टी का सम्मान से गहरा ताल्लुक है। जब आप ड्रेसिंग रूम की बात करते हो तो जब तक आपको सहयोगी स्टाफ और खिलाड़ियों का सम्मान नहीं मिलेगा तब तक आपके लिए उनकी लॉयल्टी हासिल करना मुश्किल है। वास्तव में यह दिखाता है कि आप क्या कर रहे हो, ये नहीं कि आप क्या बोल रहे हो। आप भले ही कुछ भी नहीं बोलो, लेकिन आपका स्वभाव आपको वह सम्मान दिला सकता है।' 

कुर्सी के साथ नहीं मिलता सम्मान उसे हासिल करो

भारतीय क्रिकेट टीम को कई उम्दा कप्तान मिले हैं।  हर कप्तान की अपनी खासियत रही है और क्रिकेट में उनका अपना योगदान है। लेकिन टीम के कई पूर्व कप्तान भी महेंद्र सिंह धोनी को सबसे बेहतर कप्तान मानते हैं। तो धोनी का भी लीडरशिप को लेकर कहना है कि 'मुझे हमेशा लगता था कि एक लीडर के रूप में सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कुर्सी या पद के साथ नहीं आता है। यह आपके स्वभाव से आता है। कई बार लोग असुरक्षित होते हैं। कभी-कभी भले ही टीम आप पर विश्वास करती हो, लेकिन वास्तव में आप ही पहले व्यक्ति हो जो खुद पर विश्वास नहीं करोगे। कम शब्दों में कहूं तो सम्मान हासिल करने की कोशिश नहीं करो, बल्कि इसे अर्जित करें क्योंकि यह बहुत स्वाभाविक है। एक बार जब आपके पास इस तरह की लॉयल्टी होगी तो प्रदर्शन भी आएगा।' 

'हर खिलाड़ी को समझना है जरूरी' 

महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2007 में पहला टी20 विश्वकप जीता था। एक्सपर्ट का कहना है कि जब सभी टी20 फॉर्मेट को समझ रहे थे। तब धोनी ने उसे अपनी समझ से जीता था। इसका एक कारण ये भी था, कि टीम के हर खिलाड़ी को कैसे इस्तेमाल करना है, वो ये जानते थे। महेंद्र सिंह धोनी इसको लेकर कहते हैं कि 'कुछ लोग दबाव पसंद करते हैं और कुछ को यह पसंद नहीं है। एक व्यक्ति की मजबूती और उसकी कमजोरी को समझना महत्वपूर्ण है। जब एक बार आप ऐसा कर लेते हैं तो आप उस खिलाड़ी को बिना बताए ही उसकी कमजोरी पर काम करना शुरू कर देंगे।'