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राजस्थान की ‘गोल्डन गर्ल’ अवनी लेखरा ने जब देश को दिया गर्व का पल

अवनी लेखरा ने जब पैरालंपिक में दो पदक अपने नाम किए, तो वो पहली भारतीय महिला बन गईं और उन्होंने टोक्यो में इतिहास रच दिया। खास बात ये है कि यह उन्होंने खेल के एक ही संस्करण में किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह दूसरी भारतीय हैं।

राजस्थान की ‘गोल्डन गर्ल’ अवनी लेखरा ने जब देश को दिया गर्व का पल
Avani Lekhara

राजस्थान के जयपुर में जन्म लेने वाली अवनी लेखरा में पैरालंपिक में गोल्ड जीता और आज और लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं। लेकिन अवनी का सफर आसान नहीं था। सिर्फ 11 साल की उम्र में एक्सीडेंट के बाद अवनी ने पिता के सपोर्ट के बाद देश के लिए न सिर्फ गोल्ड जीता, साथ ही इतिहास भी रच दिया।

शूटिंग में जीता गोल्ड मेडल

राजस्थान की रहने वाली अवनी लेखरा देश की बेटियों के लिए एक मिशाल हैं। अवनी का जन्म 8 नवंबर 2001 में पिंक सिटी राजस्थान में हुआ था। अवनी ने देश और विदेश में कई मेडल जीते। लेकिन साल 2023 में चीन के हांगझोउ में पैरा एशियन गेम्स 2023 में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में गोल्ड मेडल जीता है। वह 249.6 अंक के साथ टॉप पर रहीं। यह भारत का इस साल के एशियन पैरा गेम्स में चौथा गोल्ड मेडल था।

11 साल में हुआ था एक्सीडेंट

देश का नाम रोशन करने वाली अवनी लेखरा साल 2012 में जब सिर्फ 11 साल की थी। तब कार दुर्घटना के कारण वह पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गईं। काम उम्र में ही ऐसा मंजर देखने के बाद, उनके पिता ने उन्हें खेलों में शामिल होने, तीरंदाजी में प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित किया।  लेकिन अवनी की रुचि शूटिंग की ओर बढ़ीं, जहां उन्हें अपना असली जुनून मिला। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में अवनी वरभारत के राजस्थान विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई कर रही हैं। वह केंद्रीय विद्यालय की छात्रा थीं। ये जगह अवनी के लिए और भी खास है, क्योंकि उन्होंने यहां पर ही शूटिंग के क्षेत्रीय मैच में अपना पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया था।

पैरालंपिक में दो गोल्ड जीतकर रचा था इतिहास

अवनी लेखरा ने जब पैरालंपिक में दो पदक अपने नाम किए, तो वो पहली भारतीय महिला बन गईं और उन्होंने टोक्यो में इतिहास रच दिया। खास बात ये है कि यह उन्होंने खेल के एक ही संस्करण में किया। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह दूसरी भारतीय हैं।

अवनी लेखरा पूरी तरह से व्हीलचेयर पर निर्भर हैं । लेकिन 50 मीटर राइफल जिसमे अवनी मेडल जीता, इसमें थ्री पोजीशन इवेंट में उपकरण एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। क्योंकि इवेंट के दौरान एक टेबल उसके घुटने की तरह काम करती है। इसको लेकर अवनी ने कहा कि इसके लिए शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की ताकत की आवश्यकता होती है।

अभिनव बिंद्रा को मानती हैं आदर्श

अवनी लेखरा अभिनव बिंद्रा को आदर्श मानती हैं। इसी के साथ ही अवनी राजस्थान सरकार द्वारा सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) के रूप में आउट-ऑफ-टर्न के तौर पर नियुक्त हैं।