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आज़म खान को अदालत से बड़ी राहत, डूंगरपुर मामले में आज़म खान सहित छह लोग बरी

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के लिए आज का दिन राहत भरा रहा.

आज़म खान को अदालत से बड़ी राहत, डूंगरपुर मामले में आज़म खान सहित छह लोग बरी

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के लिए आज का दिन राहत भरा रहा. रामपुर की एमपीएमएल कोर्ट के विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ विजय कुमार ने रामपुर के चर्चित डूंगरपुर कांड में दर्ज हुए एक मुक़दमे में फैसला सुनाते हुए आज़म खान सहित कुल छह आरोपियों को बरी कर दिया है.

रामपुर के डूंगरपुर गांव में समाजवादी पार्टी की सरकार रहते साल 2016 में सरकारी जमीन पर बने घरों को जबरन खाली करा कर कब्जा कर लिया गया था. इस मामले में प्रदेश में सत्ता पलट होने के बाद जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई, तो रामपुर के थाना गंज में साल 2019 में 12 अलग-अलग मुकदमें दर्ज हुए थे. इन्हीं मामलों में से एक मामला वादी गुड्डू ने दर्ज कराया था.

 जिसमें आरोप था कि उसके मकान में लूटपाट की गई, जबरन खाली कराया गया, गाली गलौज की गई और फिर मकान को ढहा दिया गया. इस मामले में धारा 452,  504, 506, 395, 354, 447 और 120 (ब) के अंतर्गत जबरन घर खाली कराने और मकान तोड़ने को लेकर मामला दर्ज हुआ था. जिसमें आजम खान को षड्यंत्र रचने का आरोपी मानते हुए धारा 120 बी के अंतर्गत विवेचना के दौरान आज़म खान का नाम आरोपियों में शामिल कर लिया गया था.

रामपुर के एमपी एमएलए विशेष अदालत सेशन ट्रायल डॉ विजय कुमार ने आज फैसला सुनाए जाने और आजम खान सहित 6 लोगों को बरी किए जाने के बाद आजम खान के अधिवक्ता जुबेर अहमद खान ने बताया कि यह घटना 6/12/2016 की बताते हैं. प्रॉसीक्यूशन की ओर से तकरीबन 3 साल बाद इसमें एफआइआर दर्ज हुई थी.

2019 अगस्त में, उसमें वादी का कहना था कि बरकत अली ठेकेदार, आले हसन खान, फसाहत शानू, शाहज़ेब, इकराम, इमरान और लीगल मुल्जिमान उनके घर में आए और घर में आकर उनकी पत्नी के कपड़े फाड़ दिए. उनके घर से सामान लूट लिया और उनका घर तोड़ दिया. इसमें आजम खान का नाम एफआईआर में दर्ज नहीं था.

उन्होंने कहा कि पहले विवेचना में नहीं आए, चार्जशीट लगने तक जो मुलजिमान नहीं थे. चार्जशीट लगने के बाद उनको मुलजिम बताते हुए 120बी की चार शीट सप्लीमेंट्री लगाई गई थी, यह केस कंसिस्ट्स केस था. इसमें विटनेस होस्टाइल नहीं हुए थे. न्यायालय ने आज फैसले की तारीख लगाई थी सारे चार्ज से सारे मुलजिमानों को बरी कर दिया है. इसमें आजम खान भी बरी हो गए हैं. उनके खिलाफ 120बी का चार्ज था. जिनके खिलाफ डायरेक्ट एविडेंस थे और डायरेक्ट एलिगेशन था कि उन्होंने लूटपाट की. वह लोग बरी हो गए, तो जाहिर बात है उन्हें भी बरी किया गया. उनके खिलाफ कॉन्प्रेसी का चार्ज साबित नहीं हो पाया. इस मामले में धारा 452, 504, 506, 395, 354, 447 यह तमाम धाराएं लगी थीं. इन सारी धाराओं में बरी कर दिया गया है. 

रिपोर्ट - सुधीर पाल