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राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में कैसे हारी बीजेपी ? अखिलेश की रणनीति में बुरे फंसे लल्लू सिंह

लखनऊ ब्यूरो, जहां से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की शुरूआत की. उसी सीट से बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. राम मंदिर के नाम पर बीजेपी ने पूरे देश में वोट मांगा. लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद भी बीजेपी वहां हार गई.

राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में कैसे हारी बीजेपी ? अखिलेश की रणनीति में बुरे फंसे लल्लू सिंह

बीजेपी ने अपने लोकसभा चुनाव की शुरूआत अयोध्या से की थी. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में राममय माहौल हो गया. इस मुद्दे के दम पर बीजेपी ने 400 सीटों का दावा किया था. लेकिन चुनाव नीतजे में बीजेपी ये सीट हार गई. यहां से सपा के प्रत्याशी अवधेश पासी ने बीजेपी के लल्लू सिंह को 54 हजार वोटों से हरा दिया. लेकिन ऐसा क्या हुआ, जो सीट बीजेपी का गढ़ कही जाती थी. राम मंदिर के निर्माण के बीजेपी उस सीट पर हार गई. आइए जानते है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की. आरएसएस और बीजेपी ने कई लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराए. बीजेपी द्वारा कई सालों से मंदिर बनाने के वादे को पार्टी ने पूरा कर दिया. पीएम मोदी ने खुद अयोध्या में रोड शो किया. सीएम योगी ने दो बार आकर यहां चुनाव प्रचार किया. लेकिन इस चुनाव यहां एक नारा बड़े जोर शोर से लगाया गया. वो नारा था ‘ न अयोध्या न काशी, अबकी बार अवधेश पासी’. सपा के अवधेश पासी दलित समाज से आते है. पिछले चुनाव बीएसपी से गठबंधन के बाद भी लल्लू सिंह ने 65 हजार वोटों से चुनाव जीत लिया था. लेकिन इस बार अवधेश पासी ने 54000 मतों से चुनाव जीत लिया है. फैजाबाद की सीट यूपी में बीजेपी के लिए सबसे बड़ी हारों में से एक है. 

अखिलेश यादव ने किया एक्सपेरीमेंट 

यूपी की फैजाबाद लोकसभा सीट में सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने एक प्रयोग किया. जिसमें उन्होंने सामान्य सीट से सपा ने दलित प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतरा. ऐसा प्रयोग उन्होंने मेरठ में भी किया लेकिन उनका ये प्रयोग असफल साबित हुआ और वहां से अरूण गोविल ने चुनाव जीत लिया. लेकिन अयोध्या में लल्लू सिंह सपा की रणनीति में फंस गए. राम की ऐसी कृपा हुई कि अवधेश पासी चुनाव जीत गए. अखिलेश यादव चुनाव प्रचार के लिए यहां दो बार आए. एक बार तो संबोधन के समय अखिलेश ने अवधेश पासी को पूर्व विधायक भी बोल दिया. बाद में बात को संभालते हुए अखिलेश ने कहा कि आप तो सांसद बनने वाले हो, इसीलिए मैंने आपको ऐसा कहा.       

जमीन अधिग्रहण को लेकर स्थानीय लोग थे नाराज

फैजाबाद में बीजेपी के उम्मीदवार लल्लू सिंह के लिए स्थानीय लोगों के बीच पहले से ही नाराजगी थी. प्रत्याशी बदलने को लेकर भी मांगग की गई थी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अयोध्या में मंदिर के निर्माण के बाद विकास के बहुत काम हुए. लेकिन जमीन अधिग्रहण को लेकर लोकल लोगों में बड़ा गुस्सा है. उन्हें लगता है कि मुआवजे के बदले उन्हें ठगा गया. लोकल सामाजिक समीकरण और बीजेपी उम्मीदवार की एंटी इनकंबेसी ने रामलला के घर में समाजवादी पार्टी का झंडा फहरा दिया. यहां दलित 26 प्रतिशत, मुस्लिम 14 फीसदी, कुर्मी 12% ब्राह्मण 12 प्रतिशत और यादव भी 12 फीसदी हैं.