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हेलिकॉप्टर हादसे में हुई ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर PM मोदी ने जताया शोक, बोले भारत ईरान के साथ खड़ा है...

ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है। हेलिकॉप्टर में और भी कुछ अधिकारी सवार थे, उनकी भी मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि विमान हादसे का शिकार हुआ, विमान का मलवा मिल गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति की हुई मौत की खबर पर शोक जाहिर किया है और साथ भी देश इस दुख की घड़ी में ईरान के साथ है, ऐसा ट्वीट किया है।

हेलिकॉप्टर हादसे में हुई ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर PM मोदी ने जताया शोक, बोले भारत ईरान के साथ खड़ा है...
हेलिकॉप्टर हादसे में हुई ईरान के राष्ट्रपति की मौत

ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है। हेलिकॉप्टर में और भी कुछ अधिकारी सवार थे, उनकी भी मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि विमान हादसे का शिकार हुआ, विमान का मलवा मिल गया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति की हुई मौत की खबर पर शोक जाहिर किया है और साथ भी देश इस दुख की घड़ी में ईरान के साथ है, ऐसा ट्वीट किया है।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

पूर्वी अजरबैजान में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की मौत हो गई है। ईरान के राष्ट्रपति के निधन पर पीएम मोदी ने भी शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रईसी के दुखद निधन से बहुत दुखी और स्तब्ध हूं। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।'

अजरबैजान से लौट रहा था विमान

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस चॉपर पर ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री और अन्य अधिकारी अजरबैजान से लौट रहे थे, तभी हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। रेस्क्यू टीम पूरी तरह हेलिकॉप्टर का मलवा मिल गया है, तेहरान टाइम्स ने हादसे की वजह घने कोहरे को बताया है।

40 टीमें कर रही थीं रेस्क्यू

इस घटना के तुरंत बाद से ही 40 अलग-अलग रेस्क्यू टीम को जंगलों और पहाड़ी इलाकों में भेजा गया था। लेकिन बेहद खराब मौसम के कारण इस क्षेत्र में पहुंचना बहुत मुश्किल हो गया था, जबकि आकाश मार्ग से वहां पहुंचना संभव नहीं है। पहाड़ी इलाके और भौगोलिक बाधाओं की वजह से राष्ट्रपति की टीम के साथ गए लोगों से संचार लगभग असंभव हो गया था।