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ईरान-इजरायल के बीच युद्ध, टेंशन में पूरी दुनिया और भारत के सामने है बड़ी दुविधा

इजरायल हमास जंग के बीच अब ईरान के खुल कर सामने आने और इजरायल पर भीषण हमले के बाद मध्यपूर्व के हालात बदल गए हैं। भारत इजरायल का भी सहयोगी है और ईरान का भी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के हमले के बाद इजरायल और ईरान दोनों के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है। विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। लेकिन जंग अगर आगे बढ़ती है तो इसका भारत ही नहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

ईरान-इजरायल के बीच युद्ध, टेंशन में पूरी दुनिया और भारत के सामने है बड़ी दुविधा

इजरायल हमास जंग के बीच अब ईरान के खुल कर सामने आने और इजरायल पर भीषण हमले के बाद मध्यपूर्व के हालात बदल गए हैं। भारत इजरायल का भी सहयोगी है और ईरान का भी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के हमले के बाद इजरायल और ईरान दोनों के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है। विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। लेकिन जंग अगर आगे बढ़ती है तो इसका भारत ही नहीं पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।

इजरायल पर हमास के 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद इजरायल ने गाजा में भयानक तबाही मचाई है। इजरायल किसी भी कीमत पर हमास को बख्शने के मूड में नहीं है। इजरायल अब भी कह रहा है की उसके बाकी बचे 133 बंधकों को हमास जब तक रिहा नहीं करता जंग नहीं रुकेगी। इजरायल के खिलाफ पहले हिजबुल्लाह आया जिसके बाद हूति ने भी हमास के समर्थन में इजरायल पर धावा बोलना शुर कर दिया। ईरान के हमले के बाद अब इजरायल चौतरफा जंग लड़ रहा है। युद्ध की स्थिति में, भारत के लिए दोहरी चुनौती पैदा हो गई है। क्योंकि उसके ईरान और इजरायल, दोनों देशों से मजबूत रिश्ते हैं।

भारत के लिए इजरायल और ईरान, दोनों अहम रणनीतिक साझेदार हैं। सरकार की पहली प्राथमिकता उस कार्गो शिप के 17 भारतीय क्रू मेंबर्स को छुड़ाना होगी जिसे IRGC ने UAE के तट पर सीज कर दिया था। इस जहाज को इजरायल से कनेक्शन के चलते सीज किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 14 अप्रैल को ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर से फोन पर बात की थी। अमीर ने भरोसा दिया कि ईरान जल्द ही भारतीय डिप्लोमेट्स को क्रू से मिलने देगा। ईरान पर तमाम पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगा रखे हैं। इसके बावजूद, भारत और ईरान के संबंध लगातार मजबूत हुए हैं। पिछले साल राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम से मुलाकात में, पीएम नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के रिश्तों की अहमियत बयान की थी। अफगानिस्तान में आतंकवाद को पनपने से रोकना भी भारत और ईरान का साझा लक्ष्य है।