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Rajasthan में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार जारी, अलर्ट मोड पर प्रशासन, चिकित्सा मंत्री के सख्त निर्देश, कैसे बचें...

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखने के खास निर्देश दिए। अगर कोई पॉजिटिव मरीज मिले तो तत्काल उपचार किया जाए, ताकि संक्रमण को रोका जा सके।

Rajasthan में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार जारी, अलर्ट मोड पर प्रशासन, चिकित्सा मंत्री के सख्त निर्देश, कैसे बचें...

राजस्थान में मौसमी बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने भी इसको लेकर आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ाई जा रही है और हर जिले के काम की समीक्षा भी की जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने सोमवार को सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी मिशन मोड में काम करें।

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24 घंटे में मौसमी बीमारियों का समाधान

मौसमी बीमारियों के लिए कंट्रोल रूम को और अधिक मजबूत किया जाए। सभी जिलों से आई समस्याओं एवं शिकायतों को संचालनालय स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम (0141-2225624) में दर्ज कर 24 घंटे में समाधान किया जाए। इसी प्रकार प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में बने कंट्रोल रूम में दर्ज समस्याओं का भी 24 घंटे में समाधान किया जाए।

रेपिड रिस्पांस टीमें प्रभावित क्षेत्रों का करेंगी दौरा

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि रेपिड रिस्पांस टीमें मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस आदि से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें तथा गंभीर रोगियों की जांच एवं उपचार करें, आवश्यकता होने पर उन्हें चिकित्सा संस्थानों पर रेफर करें तथा रोकथाम एवं नियंत्रण से संबंधित गतिविधियों जैसे एंटी-लार्वाल, मच्छर रोधी, फॉगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि की गुणवत्ता सुनिश्चित करें।

पॉजिटिव मरीज का तुरंत इलाज

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों पर नजर रखने के खास निर्देश दिए। अगर कोई पॉजिटिव मरीज मिले तो तत्काल उपचार किया जाए, ताकि संक्रमण को रोका जा सके। दवाइयों, कीटनाशकों एवं अन्य रसद का पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। मौसमी बीमारियों की स्थिति की प्रतिदिन समीक्षा की जाए तथा अगले दिन की योजना बनाकर प्रतिदिन की रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाए।

मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार

उन्होंने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आमजन को विभिन्न माध्यमों से मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं नियंत्रण के उपायों की जानकारी दी जाए। मच्छरों से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने, घरों के आसपास जमा पानी को निकालने, कूलर, गमलों एवं अन्य स्थानों पर पानी को 7 दिन में खाली करने एवं भरने तथा बुखार होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए प्रेरित किया जाए।