खाली पेट दवाई खाना हो सकता है 'खतरनाक', कई बीमारियों के हो सकते हैं शिकार, हो जाएं सावधान, वरना...
कुछ दवाएं शरीर में कई शारीरिक बदलाव ला सकती हैं, खाली पेट इन्हें नुकसानदायक मानकर शरीर इन पर रिएक्शन करता है।
अक्सर आपने डॉक्टर या बड़े-बुजुर्गों के मुंह से सुना होगा कि दवा खाने के बाद ही लें, खाली पेट न लें, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है। हालांकि कई बार ये बात अजीब लग सकती है, लेकिन इसके पीछे कई वजहें हैं, जिसकी वजह से ये सलाह दी जाती है। हालांकि, सभी दवाओं के साथ ऐसा नहीं है, पेट में गैस ठीक करने की दवा को सुबह खाली पेट लेने को कहा जाता है, लेकिन ज्यादातर दवाओं को खाना खाने के बाद ही लेने की सलाह दी जाती है।
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दवाओं का रिएक्शन
दरअसल, डॉक्टर कहते हैं कि खाली पेट दवा लेने से एसिडिक रिएक्शन हो सकता है। जब पेट भरा होता है, तो इस तरह के रिएक्शन की संभावना कम होती है। कुछ दवाएं शरीर में कई शारीरिक बदलाव ला सकती हैं, खाली पेट इन्हें नुकसानदायक मानकर शरीर इन पर रिएक्शन करता है। इस दौरान आंत में खून की मात्रा भी बढ़ जाती है और पित्त से एसिड निकलने लगता है और आंत अपनी एसिडिटी में बदलाव करके खुद को तैयार करने लगती है, इससे शरीर में कई तरह के केमिकल रिएक्शन हो सकते हैं। खाने के बाद दवा लें
इसके विपरीत, जब दवा खाने के बाद ली जाती है, तो दवा और भोजन एक साथ मिल जाते हैं, जिससे दवा में मौजूद रसायनों का अवशोषण होता है और शरीर पर दवा का असर कम हो जाता है, जबकि जिन दवाओं को खाली पेट लेने की सलाह दी जाती है, उनका उद्देश्य उस दवा के अवशोषण को अधिकतम करना होता है। खाने के बाद आपकी आंतों की काम करने की क्षमता कम हो जाती है, इसलिए इन दवाओं को खाने से पहले लेने के लिए कहा जाता है।
दवाओं को मिलाना खतरनाक है
कुछ दवाओं को एक साथ लेने से रासायनिक प्रतिक्रिया भी हो सकती है, इसलिए उन्हें कुछ समय अंतराल के बाद लेना उचित है। इसलिए, डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार ही दवा लेनी चाहिए और दवा लेने के समय में बदलाव नहीं करना चाहिए। अन्यथा, कुछ दवाएं लाभ के बजाय बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही, एक दिन में तीन खुराक से अधिक नहीं लेनी चाहिए और प्रत्येक खुराक के बीच कम से कम 6 घंटे का अंतर होना चाहिए।