हड्डियों की सर्जरी के लिए आई नई तकनीक, कम समय में हो जाएगी रिकवरी, पढ़े रिपोर्ट
जयपुर के नारायणा अस्पताल में ऑर्थोपेडिक, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. हेमेंद्र अग्रवाल का कहना है कि एआई की मदद से रोबोटिक सर्जरी सिस्टम से मरीजों की सर्जरी की जा रही है।
अब स्वास्थ्य क्षेत्र में मरीजों के इलाज के लिए भी एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से ऑर्थोपेडिक सर्जरी की जा रही है। इससे बेहतर नतीजे मिल रहे हैं। एआई की मदद से मरीजों की सर्जरी सटीक तरीके से हो रही है और रिकवरी में भी कम समय लग रहा है। एआई की मदद से चलने वाले सिस्टम सर्जरी से पहले सर्जन को जरूरी डेटा मुहैया कराते हैं, जैसे मरीज की शारीरिक रचना के बारे में पूरी जानकारी। इससे सर्जन को सटीक सर्जरी करने में मदद मिल रही है। उदाहरण के लिए 3डी प्रिंटिंग तकनीक के इस्तेमाल से अब मरीजों के लिए इम्प्लांट सही तरीके से तैयार किए जा रहे हैं। जो मरीज के शरीर और उनकी हड्डियों के हिसाब से बनाए जा रहे हैं। ऐसे में घुटनों या कूल्हों के इम्प्लांट पहले से बेहतर हो रहे हैं।
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जयपुर के नारायणा अस्पताल में ऑर्थोपेडिक, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट और स्पोर्ट्स आर्थोस्कोपी सर्जन डॉ. हेमेंद्र अग्रवाल का कहना है कि एआई की मदद से रोबोटिक सर्जरी सिस्टम से मरीजों की सर्जरी की जा रही है। यह सामान्य सर्जरी से ज्यादा आसान है। इसमें मरीज की स्थिति के हिसाब से शरीर में छोटे-छोटे चीरे लगाकर सर्जरी की जाती है। इससे सर्जरी में जोखिम कम होता है। सर्जरी कम समय में हो जाती है और मरीज की रिकवरी भी जल्दी होती है। इससे मरीज का अस्पताल में रहने का समय भी कम हो जाता है। मरीज जल्द ही अपने काम पर लौट सकता है और सर्जरी के बाद उसे परेशानी भी कम होती है।
सर्जन को भी मिल रही मदद
AI सिर्फ मरीजों के लिए ही नहीं बल्कि सर्जन डॉक्टरों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। यह तकनीक सर्जरी के दौरान मरीज के अंगों की सही इमेजिंग और मॉनिटरिंग में सर्जन की मदद कर रही है। इससे सर्जन आराम से ऑपरेशन कर रहे हैं और पहले से ज्यादा आत्मविश्वास के साथ सर्जरी कर रहे हैं। जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है। उसके हिसाब से अब नए उपकरण और सॉफ्टवेयर विकसित किए जा रहे हैं।