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Baba Siddqui Murder: दो सुपरस्टार्स की दुश्मनी खत्म करने वाले नेता की हत्या, मुंबई में पसरा सन्नाटा

महाराष्ट्र के राजनीतिक दिग्गज और बॉलीवुड में सलमान-शाहरुख की दुश्मनी को दोस्ती में बदलने वाले एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

Baba Siddqui Murder: दो सुपरस्टार्स की दुश्मनी खत्म करने वाले नेता की हत्या, मुंबई में पसरा सन्नाटा

मुंबई में शनिवार रात एक खौफनाक सन्नाटा छा गया। खबर आई कि बाबा सिद्दीकी, महाराष्ट्र की राजनीति के एक प्रमुख चेहरा और बॉलीवुड के दो सुपरस्टार्स, सलमान खान और शाहरुख खान की दुश्मनी को दोस्ती में बदलने वाले,गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये घटना बांद्रा में उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर में हुई।

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ये खबर राजनीतिक गलियारों और बॉलीवुड में एक शॉकवेव की तरह फैल गई। बाबा सिद्दीकी का नाम राजनीति और फिल्म जगत दोनों में सम्मान के साथ जुड़ा था। वे राजनीति में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ दो बड़े सितारों के बीच दुश्मनी को खत्म करने में भी कामयाब रहे थे।

दो सुपरस्टार्स की दुश्मनी को दोस्ती में बदला

साल 2008 में कटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी में सलमान खान और शाहरुख खान के बीच एक बड़ा झगड़ा हो गया था। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे से बात करना भी बंद कर दिया था। ये झगड़ा इतना गंभीर था कि बड़े इवेंट्स में भी दोनों एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते थे। लेकिन 2013 में बाबा सिद्दीकी ने अपनी मशहूर इफ्तार पार्टी में दोनों को आमंत्रित किया और वहाँ दोनों सितारों ने गले मिलकर अपनी पांच साल लंबी दुश्मनी को खत्म कर दिया। ये पल बॉलीवुड और उनके फैंस के लिए बेहद खास था, क्योंकि दो सुपरस्टार्स के बीच की प्रतिद्वंद्विता ने इंडस्ट्री में हलचल मचा दी थी। इस पार्टी के बाद दोनों के बीच की कड़वाहट खत्म हो गई और अब दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त माने जाते हैं।

राजनीति के दिग्गज की हत्या

बाबा सिद्दीकी ने राजनीति में भी अपना मुकाम हासिल किया था। वे बीएमसी में कॉरपोरेटर चुने गए और बाद में तीन बार बांद्रा वेस्ट से विधायक भी बने। साल 2004 से 2008 तक उन्होंने महाराष्ट्र में राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया था। उन्हें महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) के मुंबई डिवीजन का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजीत पवार गुट) का दामन थाम लिया था, जिससे उन्होंने 48 साल की कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को अलविदा कहा था।

राजनीतिक षड्यंत्र है या कुछ और?

बाबा सिद्दीकी की हत्या से राजनीतिक और फिल्मी दोनों ही जगत में शोक की लहर है। उनकी मौत के कारणों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं और ये घटना एक बड़े सवाल के रूप में उभरी है कि क्या ये कोई राजनीतिक षड्यंत्र है या कुछ और?