J&K Assembly Election: इंजीनियर राशिद की रिहाई से NC-PDP की उड़ी नींद, जानें क्या कहता है 'घाटी' का समीकरण ?
Jammu Kashmir Election:जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से पहले इंजीनियर राशिद की जेल से रिहाई ने घाटी की राजनीति में हलचल मचा दी है। नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) चिंतित हैं कि राशिद के चुनाव में शामिल होने से उनके वोट बैंक को नुकसान हो सकता है।
10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी-कांग्रेस के साथ स्थानीय पार्टियां आमने-सामने हैं। इसी बीच बारामुला सांसद राशिद इंजीनियर के जेल से रिहा होने पर घाटी सियासत में भूचाल आ गया है। राशिद के बाहर आने से सबसे ज्यादा खलबली नेशनल कांफ्रेन्स और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में है। NC-PDP नेता लगातार इस मसले पर बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे ये स्पष्ट है कि इलेक्शन में राशिद के वजह से दोनों पार्टियों का खेल बिगड़ सकता है। राजनीतिक विेशेषज्ञों की मानें तो राशिद चुनावों में गेम चेंजर बनकर उभर सकते हैं।
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आखिर कौन है इंजीनियर राशिद?
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इंजीनियर राशिद बड़ा नाम है। वह जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख है। राशिद कई दशक से घाटी की राजनीतिक में सक्रिय हैं। वह दो बार लगेंट सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने 2008 में पहली बार चुनाव जीता था। इसके बाद वह 2014 में विधायक बने हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में वह हार गए थे लेकिन 2024 में फिर वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे और जीत हासिल की। वहीं, देशभर में उन्हें पहचान तब मिली जब 2008 में उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आने का फैसला किया। इतना ही नहीं चुनाव से मात्र 17 दिनों पहले राशिद ने चुनाव प्रचार शुरू किया और बंपर जीत हासिल की पर उनकी खुशी ज्यादा सालों तक नहीं टिकी और 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उन्होंने यूएपीए कानून के तहत टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। बीते दिनों राशिद को अंतरिम जमानत मिली है।
टेंशन में क्यों NC-PDP?
इंजीनियर राशिद के जेल से बाहर आने के बाद उमर अबदुल्ला और महबूबा मुफ्ती दोनों नेता टेंशन में दिखाई दे रहे हैं। सियासी जानकारों की मानें तो राशिद मोहम्मद एनसी, पीडीपी के वोटबैंक में सेंधमारी कर सकते हैं। इसकी पीछे की वजह उनका जेल में रहना है। वह लंबे वक्त से सलाखों के पीछे थे। ऐसे में चुनाव के दौरान वह साहनुभूति कार्ड खेल सकते हैं। इसी कार्ड ने लोकसभा चुनाव में उन्हें विजयी बनाया था। अगर राशिद का ये पैंतरा सफल हो जाता है तो विपक्षी दलों को चुनाव में भारी नुकसान हो सकता है। वहीं,अवामी इत्तेहाद पार्टी ने कैदियो की रिहाई, यूएपीए, रद्द करने जैसे बड़े वादे चुनावी घोषणा पत्र में किये गए हैं जो चुनावों में अपना असर दिखा सकता है।
इंजीनियर राशिद ने बढ़ाई परेशानी
इंजीनियर राशिद के बाहर से उमर अबदुल्ला की नींद इसलिए भी उड़ी हुई क्योंकि सलाखों के पीछे रहते हुए भी इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव 2024 में अबदुल्ला को बारामूला सीट से हरा दिया था। जिसके बाद से वह इंजीनियर राशिद की पार्टी को बीजेपी का सेकेंड हैंड बता रहे हैं। इसी कारण से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी बैचेन नजर आ रही हैं।