Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

गौतम अडानी के नाम पर क्यों मचा है सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक बवाल, एक क्लिक में जानिए पूरा मामला....

गौतम अडानी पर 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिश्वत का आरोप है। जिसके बाद फिर से अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है। ग्रुप के मार्केट कैप से झटके में 2.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है।

गौतम अडानी के नाम पर क्यों मचा है सोशल मीडिया से लेकर राजनीति तक बवाल, एक क्लिक में जानिए पूरा मामला....

मौजूदा समय में सोशल मीडिया से लेकर मीडिया में अडानी नाम सुर्खियों में है। लगातार अडानी शेयर्स की बात हो रही है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में जब अडानी ग्रुप को लेकर आरोप लगाए गए थे, तब शेयर्स में अचानक तेज गिरावट दर्ज हुई थी। जिसके बाद अब एक बार फिर से अमेरिका से गौतम अडानी पर आरोप लगे है, जिसके बाद फिर से शेयर्स में गिरावट आई है। लेकिन ये पूरा मामला क्या है, आइए समझते हैं...

क्या है पूरा मामला

गौतम अडानी पर अमेरिका से आरोप लगे हैं। आरोप है रिश्वत का। जानकारी के मुताबिक, 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा का रिश्वत का आरोप है। जिसके बाद फिर से अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है। ग्रुप के मार्केट कैप से झटके में 2.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है। अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स के अनुसार गौतम अडानी की कंपनी ने हाल की में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी देने के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया। सेकी को सोलर एनर्जी खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे और बायर्स के बिना ये डील होनी मुमकिन नहीं थी। ऐसे में अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का प्लान तैयार किया। रिपोर्ट के अनुसार इसका एक हिस्सा आंध्रप्रदेश के अधिकारियों को दिया गया है। अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में अपनी भूमिका को छिपाने के लिए कोड का यूज किया गया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स और कांट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकायों को 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दी है। साथ ही अडानी पर ये भी आरोप है कि उन्होंने इस बात को उन अमेरिकी बैंकों और इंवेस्टर्स छिपाया। अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स का दावा है कि कंपनी के दूसरे सीनियर अधिकारियों ने कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को पैसा देने पर सहमति जताई थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की मानें, तो अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों से गुमराह करने की कोशिश और साल 2021 में बॉन्ड ऑफर कर अमेरिका के अलावा दूसरे इंटरनेशनल इंवेस्टर्स और अमेरिका के बैंकों से फंड जुटाया था। अमेरिका के अटॉर्नी ब्रायन पीस के मुताबिक सोलर पॉवर के कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बड़ी प्लानिंग की गई थी। मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अरबो डॉलर्स के इस खेल को जीत के लिए गौतम अडानी ने इस मामले में कथित तौर पर पर्सनली सरकारी ऑफिशियल से मुलाकाम की थी।

4 तक साल रिश्वत का बात है जिक्र

अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स का दावा है कि रिश्वत देने का पूरा दौर करीब 4 साल तक चला है। रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल सोल प्रोजेक्ट्स दिलाने के लिए गलत रूट से इंडियन ऑफिशियल्स को ब्राइब दी गई। इसमें खास बात ये है कि सोलर प्रोजेक्ट के कांट्रैक्ट से अगले बीस साल 2 बिलियन डॉलर यानी 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा हासिल करने अनुमान था। इस पूरे मुनाफे को हासिल करने के लिए झूठे दावे किए गए। लोन और बॉन्ड्स के जरिए जैसा जमा किया गया। अमेरिकी अटॉर्नी ब्रॉयन पीस के अनुसार अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट लेने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की सीक्रेट प्लानिंग की गई और उसके बाद सभी को अंधेरे में रखा गया।

गौतम अडानी समेत तमाम लोगों पर होगा जांच?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने इस पूरे मामले में गौतम अडानी के साथ उनके भतीजे सागर अडानी, अमेरिकी इंवेस्टर विनीत जैन, एज्योर पावर के सीईओ रहे रंजीत गुप्ता और कंपनी के सलाहकार रूपेश अग्रवाल के साथ 7 लोगों का नाम सामने रखा है। साथ ही अमेरिका से आई रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत में सबसे बड़ा सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।