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BAP बढ़ाएगी कांग्रेस-JMM की टेंशन, झारखंड के लिए घोषित किए 9 प्रत्याशी

भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने पहली बार झारखंड विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है, जिसके तहत 9 प्रत्याशियों की घोषणा की गई है। पार्टी का मकसद झारखंड के आदिवासी समाज के मुद्दों को प्रमुखता से उठाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। 

BAP बढ़ाएगी कांग्रेस-JMM की टेंशन, झारखंड के लिए घोषित किए 9 प्रत्याशी

झारखंड की राजनीतिक फिज़ा में इस बार कुछ नया देखने को मिलेगा, जब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) पहली बार यहां विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेगी। देश के तीन बड़े राज्यों – राजस्थान, गुजरात, और मध्यप्रदेश में पहले ही विधानसभा चुनाव लड़ चुकी यह पार्टी अब झारखंड की राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने को तैयार है। BAP ने रविवार को अपने 9 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जो झारखंड के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेंगे।

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आदिवासी समाज की आवाज उठाने का दावा

भारत आदिवासी पार्टी का गठन आदिवासी समाज की राजनीतिक और सामाजिक आवाज को मजबूती देने के लिए किया गया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पार्टी की रणनीति का ऐलान करते हुए बताया कि झारखंड राज्य कमेटी की सिफारिश और केंद्रीय एकीकरण समिति के निर्देश पर 9 उम्मीदवारों का चयन किया गया है।

किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी BAP?

घोषणा के मुताबिक, भारत आदिवासी पार्टी झारखंड के तमाड़, पोटका, हटिया, मनोहरपुर, जुगसलाई, घाटशीला, जमशेदपुर पूर्व, खिजरी और मांडर विधानसभा सीटों से अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारेगी। ये सभी क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य हैं, जहां BAP का मानना है कि वह आदिवासी समाज के मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी और उनके हक के लिए लड़ेगी।

राजकुमार रोत का दौरा और जमीनी हकीकत

इस बड़ी घोषणा से पहले, बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद और पार्टी के प्रमुख नेता राजकुमार रोत ने झारखंड के कई जिलों का दौरा किया था। तीन दिनों के इस दौरे में उन्होंने विभिन्न इलाकों में जाकर जमीनी हकीकत का आकलन किया और आदिवासी समाज के लोगों से सीधा संवाद किया। इस दौरे के बाद, पार्टी ने महसूस किया कि झारखंड में आदिवासी समुदाय के बीच BAP के प्रति रुझान है और यहां चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है।

झारखंड की राजनीति में पहली बार

यह पहली बार होगा जब भारत आदिवासी पार्टी झारखंड विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएगी। पार्टी का मानना है कि आदिवासी समाज के मुद्दों को सही तरीके से प्रस्तुत करने वाली राजनीतिक ताकतों का झारखंड में अभाव है, और BAP इस खालीपन को भर सकती है। पार्टी ने यहां चुनाव लड़ने का निर्णय आदिवासी समुदाय के समर्थन और उनके हक की लड़ाई को मजबूत करने के उद्देश्य से लिया है।

क्या झारखंड में बना पाएगी BAP जनाधार?

भारत आदिवासी पार्टी की झारखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार भागीदारी को लेकर राजनीतिक विश्लेषक भी उत्सुक हैं। सवाल यह है कि पार्टी आदिवासी बाहुल्य इस राज्य में कितनी पकड़ बना पाएगी और आदिवासी समाज में अपनी पैठ बना पाएगी या नहीं। हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि राजकुमार रोत के नेतृत्व और पार्टी के संघर्षों के बल पर वह झारखंड में भी एक मजबूत विकल्प बन सकती है।