GST Council Meeting: GST दरों में बदलाव, निर्मला सीतारमण ने किन चीजों में दी छूट, जानें पेट्रोल-डीजल को लेकर क्या कहा?
GST Council Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते शनिवार को जीएसटी काउंसिल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श किया। मीटिंग में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई।
GST Council Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते शनिवार को जीएसटी काउंसिल मीटिंग हुई। इस मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श किया। मीटिंग में कई अहम विषयों पर चर्चा हुई। वस्तु एवं सेवा कर परिषद की इस 53वीं बैठक में सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए जीएसटी परिषद ने विभिन्न अपीलीय प्राधिकरणों के समक्ष कर विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए एक मौद्रिक सीमा तय की है।
भारतीय रेलवे की ये सुविधाएं GST से मुक्त
मीटिंग के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए एक करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए दो करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा तय करने की सिफारिश की गई है। अगर मौद्रिक सीमा, जीएसटी परिषद द्वारा तय सीमा से कम है, तो कर प्राधिकरण आमतौर पर अपील नहीं करेगा। परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व जमा की अधिकतम राशि सीजीएसटी और एसजीएसटी के लिए 25 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये की जाए।
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे की प्लेटफॉर्म टिकट, विश्राम कक्ष और प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं जीएसटी से अब मुक्त हैं। इसी तरह, अब बैटरी चालित वाहनों और इंट्रा-रेलवे सेवाओं जैसी सेवाओं पर कोई जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। जीएसटी परिषद ने कर मांग नोटिस पर जुर्माने पर ब्याज की छूट और दूध के डिब्बे पर 12 प्रतिशत की दर की सिफारिश की।
छात्रावास सेवाओं और कामकाजी वर्ग के लिए भी छूट का ऐलान
इसी के साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास सेवाओं के लिए 20,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह तक छूट दी है। उन्होंने कहा कि यह छूट छात्रों या कामकाजी वर्ग के लिए है और कम से कम 90 दिनों तक रहने पर इसका लाभ उठाया जा सकता है। शैक्षणिक संस्थानों के बाहर रहने वाले छात्रों के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की सेवाओं को छूट देती है। हालांकि, शर्त यह होगी कि छात्र को लगातार 90 दिनों तक छात्रावास में रहना होगा। यह शर्त होटलों को छूट का लाभ उठाने से रोकने के लिए पेश की गई है।
पेट्रोल और डीजल पर क्या बोलीं वित्म मंत्री?
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा थी कि कुछ समय बाद पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाया जाए। उन्होंने कहा, ”इसे जीएसटी में लाने का प्रावधान पहले ही किया जा चुका है। अब सिर्फ यह फैसला करना है कि राज्य जीएसटी काउंसिल में सहमत हों और फिर तय करें कि वे किस दर के लिए तैयार होंगे।”
आपको बता दें, जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक 22 जून, 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में हुई जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक थी। इससे पहले जीएसटी काउंसिल की आखिरी बैठक करीब 8 महीने पहले अक्टूबर, 2023 में हुई थी।