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भारतीय सेना ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बस परीक्षण के लिए आईओसीएल के साथ साझेदारी की

नई दिल्ली, हरित और टिकाऊ परिवहन समाधान खोजने की दिशा में भारतीय सेना ने आईओसीएस के साथ एमओयू साइन किया है. जिसके तहत भारतीय सेना हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का परीक्षण करेंगी.

भारतीय सेना ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बस परीक्षण के लिए आईओसीएल के साथ साझेदारी की

हरित और टिकाऊ परिवहन समाधान खोजने की दिशा में दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करते हुए, भारतीय सेना ने हाइड्रोजन ईंधन सेल बस प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन परीक्षणों के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के साथ सहयोग किया है, पीआईबी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है.

भारतीय सेना और IOCL के बीच थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और इंडियन ऑयल के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य की मौजूदगी में एक समझौता ज्ञापन यानि एमओयू साइन किया गया.  इसके तहत भारतीय सेना को एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस भी मिली.  यह भारतीय सेना और IOCL के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है.

एमओयू ने भविष्य के लिए नवाचार को बढ़ावा देने और संधारणीय परिवहन समाधानों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. हाइड्रोजन ईंधन सेल प्रौद्योगिकी एक इलेक्ट्रो-केमिकल प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस को बिजली में परिवर्तित करके एक स्वच्छ और कुशल विकल्प प्रदान करती है. इस प्रक्रिया में जल वाष्प ही एकमात्र उप-उत्पाद के रूप में बचता है, जिससे शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित होता है.

हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस में 37 यात्रियों के बैठने की क्षमता है. हाइड्रोजन ईंधन से भरे 30 किलोग्राम के टैंक पर यह 250-300 किलोमीटर की प्रभावशाली माइलेज का वादा करता है.

21 मार्च 2023 को भारतीय सेना उत्तरी सीमाओं पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्रिड पावर प्लांट की स्थापना के लिए नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाली पहली सरकारी इकाई बन गई. चुशुल में एक पायलट प्रोजेक्ट स्थापित किया जा रहा है, जहाँ 200 किलो वाट का ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रोग्राम दुर्गम इलाकों और चरम जलवायु परिस्थितियों में तैनात सैनिकों को 24×7 स्वच्छ बिजली प्रदान करेगा.