PM Narendra Modi ने 6 नई वंदे भारत ट्रेनों का दिखाई हरी झंड़ी, 24 राज्यों के 280 जिलों को जोड़ेंगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड दौरे के दौरान छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इन ट्रेनों से वंदे भारत फ्लोट की संख्या 54 से बढ़कर 60 हो जाएगी। ये नई ट्रेनें 24 राज्यों और 280 जिलों को जोड़ेंगी और धार्मिक स्थलों और प्रमुख उद्योगों तक यात्रियों की सुविधा बढ़ाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक नई वंदे भारत ट्रेनों की खेप को हरी झंडी दिखाई। इन छह नई ट्रेनों के जुड़ने से वंदे भारत ट्रेनों की संख्या 54 से बढ़कर 60 हो जाएगी। यह घोषणा झारखंड दौरे पर मोदी द्वारा की गई। रेल मंत्रालय के अनुसार, ये ट्रेने रोजाना 120 राउंड ट्रिप्स करती हैं और 24 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 280 से अधिक जिलों को जोड़ेंगी।
नई वंदे भारत ट्रेनें टाटा नगर-पटना, ब्रह्मपुर-टाटा नगर, राउरकेला-हावड़ा, देवघर-वाराणसी, भागलपुर-हावड़ा और गया-हावड़ा रूट पर चलेंगी। इन ट्रेनों से यात्रियों को धार्मिक स्थलों जैसे देवघर में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, और कोलकाता में कालीघाट व बेलूर मठ की यात्रा में सुविधा होगी।
ये भी पढ़ें-
ट्रेनों से बढ़ेगा उद्योग
इसके अलावा, ये ट्रेनें धनबाद के कोयला खदान उद्योग, कोलकाता के जूट उद्योग, और दुर्गापुर के लौह और इस्पात उद्योग को भी प्रोत्साहन प्रदान करेंगी। 15 फरवरी 2019 को पहली वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के बाद से, ये ट्रेने 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुँचने की क्षमता रखती हैं और यात्रा को एक नई ऊंचाई पर ले जाती हैं।
मेक इन इंडिया सफलता की प्रतीक हैं ये ट्रेनें
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें न केवल यात्रा की गति, सुरक्षा और आराम को नया मानक स्थापित कर रही हैं, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता की भी प्रतीक हैं। इन ट्रेनों की सफलता भारत की रेल प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुसार सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रालय ने इस पर कहा
मंत्रालय ने कहा, "आज तक (14 सितंबर, 2024), 54 ट्रेन सेट (108 सेवाओं) के बेड़े के साथ, वंदे भारत ने कुल लगभग 36,000 यात्राएं पूरी की हैं और 3.17 करोड़ से अधिक यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिया है।" इसके आगे मंत्रालय ने कहा, "वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सेवाओं के साथ, भारतीय रेल भारत में यात्रा में क्रांति लाने के मार्ग पर है। ये ट्रेनें न केवल 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता को दर्शाती हैं, बल्कि गति, सुरक्षा और सेवा के लिए नए वैश्विक मानक भी स्थापित करती हैं। जैसे-जैसे भारत का रेल नेटवर्क विस्तारित होता जा रहा है, यात्री एक ऐसे भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं, जो देश की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निर्बाध, आरामदायक और कुशल यात्रा प्रदान करे।"