अब देश में कानून 'अंधा' नहीं: आंखों से उतरी पट्टी, तलवार की जगह संविधान, क्या संदेश दे रही न्याय की मूर्ति
मानव इतिहास (भारतीय इतिहास) में मिस्र, यूनानी और रोमन काल से ही न्याय की देवी (लेडी जस्टिस) का जिक्र मिलता है, जिनके एक हाथ में तलवार, दूसरे हाथ में तराजू और आंखों पर पट्टी बंधी होती थी.
सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. जहां सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की मूर्ति से आंखों पर से पट्टी हटा दी गई. साथ ही हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब स्थापित कर दी गई. आपको बता दें कि CJI डीवाई चंद्रचूड़ के फैसले से सुप्रीम कोर्ट की अनूठी पहल सामने आई है. सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की मूर्ति से आंखों पर से पट्टी हटा दी गई और हाथ में तराजू की जगह संविधान की किताब स्थापित कर दी गई है.
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कौन हैं न्याय की देवी, क्या है उनके प्रतीकों का मतलब
मानव इतिहास (भारतीय इतिहास) में मिस्र, यूनानी और रोमन काल से ही न्याय की देवी (लेडी जस्टिस) का जिक्र मिलता है, जिनके एक हाथ में तलवार, दूसरे हाथ में तराजू और आंखों पर पट्टी बंधी होती थी. दुनिया के कई देशों में प्रचलित न्याय की देवी की मूर्ति इन पौराणिक पात्रों पर आधारित मानी जाती है, जिनका उल्लेख न्यायालयों (कोर्ट रूम), न्याय की पुस्तकों आदि में मिलता है। लेकिन कई बार यह आलोचना भी की जाती है कि न्याय की देवी तो हैं, लेकिन न्यायालयों में शीर्ष पदों पर महिला न्यायाधीशों की संख्या बहुत कम है। न्याय हमेशा से ही मानव समाज की जरूरत रही है। सदियों से न्याय एक बड़ा मुद्दा रहा है। राजनीति में न्याय व्यवस्था की मजबूती को किसी भी शासन व्यवस्था का आधार माना जाता रहा है। जब भी न्याय की बात होती है, तो हमारे मन में न्याय की देवी की छवि उभरती है, जो आंखों पर पट्टी बांधे हाथों में तलवार और तराजू लिए खड़ी हैं। न्याय की इस देवी की अवधारणा मिस्र, यूनानी और रोमन दोनों साम्राज्यों में देखी जाती है। और तब से धीरे-धीरे उनका यह रूप पूरी दुनिया में देखा जाने लगा।
लेडी जस्टिस का उल्लेख मिस्र की देवी मात और यूनानी देवी थेमिस और डाइक या डाइस के रूप में किया जाता है। मात को संतुलन, सद्भाव, न्याय, कानून और व्यवस्था की मिस्र की विचारधारा का प्रतीक माना जाता है। ग्रीस में, थेमिस सत्य, कानून और व्यवस्था का प्रतीक है, जबकि डाइक सच्चे न्याय और नैतिक व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। रोमन पौराणिक कथाओं में जस्टिटिया को न्याय की देवी भी माना जाता था। बाद में, लेडी जस्टिस की अवधारणा धीरे-धीरे विकसित हुई।