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RSS सरसंघचालक ने की विश्व हिंदुओं से एकजुट होने की अपील, बांग्लादेश में हिंदुओ पर अटैक पर कहा- हम दुर्बल है...

विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने भाषण में समाज के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की और सभी हिंदुओं से एकजुट होने का आग्रह किया।

RSS सरसंघचालक ने की विश्व हिंदुओं से एकजुट होने की अपील, बांग्लादेश में हिंदुओ पर अटैक पर कहा- हम दुर्बल है...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी के पावन अवसर पर नागपुर के रेशम बाग मैदान में 'शस्त्र पूजन' किया और इसके बाद देश के समक्ष विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। इस सालाना कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में समाज और देश की चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की और विशेष रूप से पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र किया।

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आज RSS का स्थापना दिवस है और आज संघ के 99 साल भी पूरे हो गए हैं। विजयादशमी के दिन ही साल 1925 में संघ की स्थापना हुई थी और ये खास दिन संघ के लिए कई मायनों में अहम होता है। संघसरसंघचालक प्रमुख के संबोधन में संघ के भविष्य के कार्यक्रम और नीतियों की स्पष्टता देखने को मिलती है।

विविधता में एकता की जरूरत

मोहन भागवत ने भारतीय समाज की विविधताओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भाषा, भोजन, और वेशभूषा में भिन्नता होने के बावजूद हमें एकजुट रहना चाहिए। इसके आगे कहा विविधता को लेकर झगड़ना सही नहीं है, हर कानून सभी के लिए उचित नहीं हो सकता, लेकिन समाज की समरसता बनाए रखना आवश्यक है।

युवाओं पर कुप्रभाव और पर्यावरण की चिंता

मोहन भागवत ने बढ़ते मोबाइल उपयोग और सोशल मीडिया पर भी चिंता जताई, जो युवाओं को गलत दिशा में ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को इन मुद्दों पर गंभीरता से सोचना होगा, क्योंकि इसका असर परिवार और समाज दोनों पर पड़ रहा है।

पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से बचना चाहिए और पेड़ लगाने पर ध्यान देना चाहिए। जैविक खेती हमारे पूर्वजों की पद्धति रही है, जिसे हमें फिर से अपनाना होगा।

इसके बाद शाखा सरसंघचालक ने गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर किए गए पथराव पर कहा कि, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था। ऐसे में प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना चाहिए था और कई जगह लिया भी गया तो कई जगह कोई एक्शन नहीं लिया गया। गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए और ना ही किसी को चलाने देनी चाहिए। पुलिस प्रशासन का काम है रक्षा करना लेकिन उससे पहले अपनों की मदद करना कर्तव्य है।

बांग्ललादेश में हिंदुओ पर हुआ अटैक

भागवत ने कहा बांग्लादेश में उत्पात के कारण वहां के हिन्दूओं पर अटैक हुआ। हिन्दू अपने बचाव के लिए सड़क पर आया इसलिए थोड़ा बचाव हुआ। जब तक कट्टरपंथी जब तक है तब तक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार होता रहेगा। हिन्दूओं को सोचना होगा कि अगर हम दुर्बल है और असंगठित है तो गलत है। जहां है वहां संगठित रहो .. हिंसक मत बनो, लेकिन दुर्बल भी नहीं रहना है। उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ था। वहां पर लोगों में कट्टरपन की मानसिकता जब तक है तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बना रहेगा।

भारत की बढ़ती साख और चुनौतियां

भागवत ने इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके वैश्विक प्रभावों की चिंता होनी चाहिए। उन्होंने कहा भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है, चाहे वह योग हो या सामरिक शक्ति। लेकिन जो देश आगे बढ़ते हैं, उन्हें रोकने की कोशिश भी होती है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा।