दिव्या मदेरणा बनी 'मिशन कश्मीर' की कप्तान,कांग्रेस ने क्यों जताया विश्वास? जानें
Divya Maderna Jammu Kashmir Election 2024: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए राजस्थान की पूर्व विधायक दिव्या मदरेणा को जिम्मेदारी सौंपी है। दिव्या मदरेणा अपने बेबाक बोल और तीखे सवालों के लिए जानी जाती हैं। जानिए दिव्या मदरेणा के राजनीतिक करियर और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के चुनाव रणनीति के बारे में।
शुक्रवार को कांग्रेस ने राष्ट्रीय संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए अहम चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा राजस्थान की पूर्व विधायक दिव्या मदेरणा की हो रही है। पार्टी ने उन्होंने आगमी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का कप्तान चुना है। उन्हें जम्मू-कश्मीर-लद्दाख का सचिव बनाया गया है। बता दें, दिव्या मदरेणा अपना बेबाक बोल और तीखे सवालों के लिए जानी जाती है। वहीं राजस्थान के बड़े नेताओं में उनकी गितनी होती है। दिव्या का पूरा फोकस विधानसभा चुनावों में होगा,जहां पार्टी के प्रदर्शन और जीत का दारोमदार उनके कंधे पर है। ऐसे में जानते हैं आखिर दिव्या मदेरणा कौन है और उनका पॉलिटिकल करियर कैसा रहा।
आखिर कौन है दिव्या मदेरणा ?
बता दें, दिव्या मदरेणा का परिवार लंबे वक्त से कांग्रेस पार्टी से ताल्लुरक रखता है। उनके पिता महिपाल मदेरणा कांग्रेस ने बड़े नेता थे जबकि उनके दादा परसराम मदेरणा राजस्थान विधानसभा में कैबिनेट मंत्री थे। 1984 को जन्मी दिव्या ने इंग्लैंड से इकॉनमी मेजर में पढ़ाई की है। पॉलिटिकल करियर पर नजर डालें तो उन्हें मात्र 26 साल की उम्र में जोधपुर के ओसियां जिले से जिला परिषद चुनाव में किस्मत आजमाई और जीत हासिल की थी। 2018 में कांग्रेस पार्टी ने दिव्या पर विश्वास जाते हुए ओसियां विधानसभा का टिकट दिया था। जहां से उन्होंने भारी मतों से जाती हासिल की, हालांकि 2023 के चुनावों में दिव्या को बीजेपी से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
जम्मू-कश्मीर चुनावों के लिए कांग्रेस से कसी कमर
बता दें, चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है,जोकि तीन चरणों में होगा। पहला चरण में 24 सीटों पर 18 सितंबर,दूसरे चरण 25 सिंतबर को 26 सीटों और तीसरे चरण में 40 सीटों पर 1 अक्टूबर को मदतान होगा। वोटों की गिनती 4 अक्टूबर होगी। चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी से लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे तक लगातार राज्य के दौरे पर हैं। वहीं चुनाव में कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के साथ उतरेगी। जहां 90 सीटों में कांग्रेस 31 तक फारूक अबदुल्ला की पार्टी एनसी 52 सीटों कैंडिडेट उतारेगी। दो सीटें पैंथर्स पार्टी और सीपीआई एम के लिए छोड़ी हैं।