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भोले बाबा के भक्त बड़े अनोखे, कोई नोटों की कांवड यात्रा लाकर 'माया' दिखाए, तो कोई योगी-मोदी को कांवड यात्रा की सैर कराए!

Kanwar Yatra 2024: सावन के पावन महीने में कांवड यात्रा की खूब धूम देखने को मिल रही है। पहले दिन 2.40 लाख और दूसरे दिन चार लाख कांवड़िए पहुंचे थे। तीसरे दिन छह लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार से गंगाजल भरकर रवाना हुए थे। बृहस्पतिवार को शाम छह बजे तक 15 लाख शिवभक्त गंगाजल भरकर रवाना हो गए। अब तक टोटल 27 लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंच चुके हैं।

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सावन के पावन महीने में कांवड यात्रा की खूब धूम देखने को मिल रही है। भक्त बड़े भक्तिभाव से गंगाजल भर निकले हैं। बताया जा रहा है कि चौथे दिन हरिद्वार से 15 लाख कांवड़ यात्रियों ने गंगाजल भरा है। वहीं, अब तक चार दिन के अंदर 27 लाख 40 हजार कांवड़ यात्री गंगाजल भरकर रवाना हो चुके हैं। हालांकि, इस दौरान भारी-भीड़ में नौ कांवड़ियों को गंगा में डूबने से बचाया भी गया।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले दिन 2.40 लाख और दूसरे दिन चार लाख कांवड़िए पहुंचे थे। तीसरे दिन छह लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार से गंगाजल भरकर रवाना हुए थे। बृहस्पतिवार को शाम छह बजे तक 15 लाख शिवभक्त गंगाजल भरकर रवाना हो गए। अब तक टोटल 27 लाख 40 हजार कांवड़ यात्री पहुंच चुके हैं। जिले में 60371 छोटे-बड़े वाहनों ने प्रवेश किया है। अलग-अलग गंगा घाटों से गंगा में डूबने से नौ कांवड़ यात्रियों को एसडीआरएफ व जल पुलिस की टीम ने बचाया है।

 

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भोले बाबा बड़े निराले हैं, ये तो खूब सुना। लेकिन उनके भक्त भी खूब निराले हैं। दरअसल, कांवड़ यात्रा में इस बार दिल्ली के कुल 10 लोगों ने नोटों की कांवड़ बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पिछले चार वर्ष से कांवड़ लेने आ रहे इस समूह के सदस्यों का कहना है कि हर वर्ष वह अलग-अलग रंग और स्वरूप के साथ कांवड़ लेने आते हैं।

 

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फैंस सिर्फ क्रिकेट और फिल्मी सितारों के नहीं होते। पीएम मोदी के एक फैन ने जो किया, वो सुर्खियों में छा गया। दरअसल, नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की मन्नत पूरी होने पर मेरठ के महादेव सेक्टर निवासी अरुण कुमार ने कांवड़ उठाई है। अरुण कुमार का कहना है कि उसने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने की मन्नत भगवान भोलेनाथ से मांगी थी, जो पूरी हुई।

 

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60 वर्षीय महिला का अडिग अनुष्ठान भी सामने आया। नोएडा की रहने वाली सावित्री का कहना है कि यह उनका 32वां कांवड़ है। उनका कहना है कि भगवान शिव की कृपा है कि उनके बड़े बेटे की दुर्घटना के बाद जान बची। वहीं से उन्होंने संकल्प लिया और अनवरत हर वर्ष इसे पूरा करने के लिए वह पैदल कांवड़ यात्रा लेने आती हैं।

 

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सेवा संकल्प और अडिग अनुष्ठान के इस महापर्व में एक दिव्यांग के हौसले को भी लोग सलाम कर रहे हैं। अपने तीन पहिया वाहन से दिव्यांग उन तमाम कांवड यात्रियों के बीच हर-हर बम-बम की गूंज के साथ कदम ताल करते हुए हरिद्वार पहुंचा है। तीन पहिया वाहन में अपनी कांवड़ टांगे हरियाणा निवासी सुंदर पाल का कहना है कि हाथ और पैर से नहीं आस्था के इस महापर्व में इच्छा शक्ति से भक्त पहुंच रहे हैं।