संयुक्त राष्ट्र में राम कथा का पाठ, मोरारी बापू फहराएंगे राम नाम की पताका
मोरारी बापू वैदिक सनातन धर्म से प्रेरित होकर पैंसठ वर्षों से अधिक समय से राम कथाओं का पाठ कर रहे हैं। मोरारी बापू ने कहा, रामचरितमानस धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक वैश्विक संदेश देता है।
भारतीय अध्यात्म गुरू मोरारी बापू सबसे प्रतिष्ठित हिंदू धर्मग्रंथों में से एक रामचरितमानस की कालातीत प्रासंगिकता का प्रसार करने के लिए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार राम कथा का पाठ करेंगे।
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मोरारी बापू वैदिक सनातन धर्म से प्रेरित होकर पैंसठ वर्षों से अधिक समय से राम कथाओं का पाठ कर रहे हैं। मोरारी बापू ने कहा, रामचरितमानस धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे एक वैश्विक संदेश देता है। यह उन सार्वभौमिक मूल्यों की बात करता है जिनकी आज की दुनिया में आवश्यकता है। जैसे - सत्य, प्रेम और करुणा। "
उन्होंने नौ दिवसीय पाठ की शुरुआत के पहले कहा कि
संयुक्त राष्ट्र में राम कथा का पाठ एक दैवीय कृपा और वैश्विक सद्भाव की दिशा में एक कदम है। बता दें कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के डेलीगेट्स डाइनिंग रूम में राम कथा का आयोजन होगा। यह पहली बार है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में राम कथा का आयोजन किया जा रहा है, मोरारी बापू ने कहा, यह एक सपना सच होने जैसा है।
77 वर्षीय मोरारी बापू अब तक श्रीलंका, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और जापान सहित दुनिया भर के कई शहरों और तीर्थ स्थलों में राम कथाएं कर चुके हैं। उन्होंने कहा, "हम सबको दुनिया में प्रेम, शांति और सत्य के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। खास तौर पर इस धरती के लिए जिसे हम वसुधैव कुटुंबकम कहते हैं।" मोरारी बापू ने कहा कि यहां पर राम कथा करके हम सभी के लिए कल्याण और परम शांति की ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।"