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वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट,धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 'बद्री विशाल लाल की जय' के लगे नारे

केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं. बता दें रविवार सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और 'बद्री विशाल लाल की जय' के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं और बद्रीनाथ धाम को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है.

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट,धाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, 'बद्री विशाल लाल की जय' के लगे नारे

केदारनाथ के बाद अब उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम के भी कपाट खुल गए हैं. बता दें रविवार सुबह 6 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और 'बद्री विशाल लाल की जय' के नारों के बीच श्रद्धालुओं के लिए बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं और बद्रीनाथ धाम को खूबसूरत फूलों से सजाया गया है. ब्रह्ममुहूर्त में गणेश और द्वार पूजा की गई. इस दौरान सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच श्रद्धालु भगवान बद्री विशाल के जयकारे लगाते हुए नजर आए. बद्रीनाथ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है. चार धाम की तीर्थयात्रा आमतौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में शुरू होती है और नवंबर तक चलती है.

वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोले, 'हम सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हैं. हमारी कोशिश है कि यात्रा में कहीं किसी को कोई परेशानी न हो.' 

पीएम के नाम से पहली पूजा

बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि बदरीनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. कपाट खुलने के समय थोड़ी बारिश भी हुई लेकिन श्रद्धालुओं की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई. हमारा पहला अभिषेक पूजा प्रधानमंत्री मोदी के नाम से की गई है. हमारी कोशिश है कि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम हो.

श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर अलकनंदा नदी के किनारे, चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी पर स्थित है. भारत के प्रसिद्ध चार धामों में बदरीनाथ सुप्रसिद्ध  है. बद्रीनाथ धाम ऎसा धार्मिक स्थल है. जहां नर और नारायण दोनों मिलते है. धर्म शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इसे विशालपुरी भी कहा जाता है और बद्रीनाथ धाम में श्री विष्णु की पूजा होती है. इसीलिए इसे विष्णुधाम भी कहा जाता है.