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कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा बयान ‘कैबिनेट नहीं CM भजनलाल ने आनन-फानन में दी गांधीनगर परियोजना को मंजूरी’

जयपुर के गांधी नगर इलाके में सरकारी क्वार्टर को तोड़कर 19 मंजिला इमारत बनाई जा रही है, जिससे जुड़ा भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा हाल ही में एक मीडिया संस्थान से बातचीत में बताया कि गांधी नगर परियोजना की मंजूरी कैबिनेट से नहीं ली गई है। इसे आनन फानन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंजूरी के बाद शुरू किया गया है।

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का बड़ा बयान ‘कैबिनेट नहीं CM भजनलाल ने आनन-फानन में दी गांधीनगर परियोजना को मंजूरी’

जयपुर के गांधी नगर इलाके में सरकारी क्वार्टर को तोड़कर 19 मंजिला इमारत बनाई जा रही है, जिससे जुड़ा भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा हाल ही में एक मीडिया संस्थान से बातचीत में बताया कि गांधी नगर परियोजना की मंजूरी कैबिनेट से नहीं ली गई है। इसे आनन फानन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की मंजूरी के बाद शुरू किया गया है।

तय रकम से कम में बन रही बिल्डिंग

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया संस्थान को बताया कि 'गांधीनगर में सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं, जो बहुत जर्जर हालत में हैं। ये बात सही है कि वहां रेनोवेशन होना चाहिए, नया कॉम्प्लेक्स बनना चाहिए, इसीलिए वसुंधरा राजे की सरकार में इस काम के लिए 277 करोड़ रुपये फिक्स किए थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया गया। अचंभा इस बात है कि जब भजनलाल सरकार ने इस योजना को वापस शुरू किया, जो 5 साल बाद तय कीमत बढ़ने की बजाय घटकर 218 करोड़ पर कैसे आ गई?'

आगे किरोड़ी लाल ने कहा कि, 'गांधी नगर VIP इलाका है। वहां हाई कोर्ट के जज, अधिकारियों से लेकर पैरालंपिक खिलाड़ी भी रहते हैं। वहां पर जमीन बेश्कीमती है। लेकिन सरकार ने 8000 रुपये प्रति वर्ग फुट का देख कागजों में दिखाया, जबकि मार्केट रेट 25000 रुपये वर्ग फुट का है। वहां कुल 17 हजार वर्ग फुट जगह है, यानी सरकार को 1146  करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है। इसीलिए मैंने सीएम को चिट्ठी लिखकर चेताया है।' 

प्राइवेट सेक्टर को शेयर देने से बढ़ जाएगी एंटी सोशल एक्टिविटी

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आगे मामले  की जांच की मांग की, और कहा, 'अब इस पूरे मामले की जांच होगी, और उसके बाद ही काम आगे बढ़ाया जाएगा। ये योजना अच्छी है, लेकिन उसमें कुछ अधिकारी और प्राइवेट पार्टनर पर्दे के पीछे हैं जो इसको खुर्द बुर्द करना चाहते हैं। इस योजना की कैबिनेट से भी मंजूरी नहीं ली गई है। अगर कैबिनेट मंजूरी न ली जाए तो मुख्यमंत्री से ली जाए। मुख्यमंत्री ने आनन फानन में मंजूरी ले ली गई, इसीलिए पूरा मामला कैबिनेट के संज्ञान में नहीं लाया गया। गांधी नगर इलाके यूनिवर्सिटी से लगा हुआ इलाका है, प्राइवेट सेक्टर को शेयर देने से वहां फिर एंटी सोशल एक्टिविटी ज्यादा बढ़ जाएंगी।'

इसी के साथ ही उन्होंने सीएम भजनलाल पर बात करते हुए कहा कि 'मैं सीधा ये नहीं कह रहा कि कोई अधिकारी इसमें इन्वोल्व है। मैंने तो सिर्फ ये कहा है कि इतना नुकसान क्यों? सरकार को चूना क्यों लगाया जा रहा है? इसकी जांच कराई जाए। न मुख्यमंत्री न कोई अधिकारी, इसमें सीधा उस तरह से है। जानकारी ली जाएगी कि ऐसा आखिर क्यों किया जा रहा है। 25 बड़े फ्लैट्स और 2 टावर प्राइवेट सेक्टर को दिए जाने का भी प्लान है, जो नहीं होना चाहिए। मांग यही है कि जांच करो, वीआईपी की सुरक्षा का भी ध्यान रखो और कोई गबन नहीं होना चाहिए।'