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राजस्थान में सदन में बजट पर चर्चा, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा

शिक्षा को लेकर अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि देश के शिक्षा मंत्री NEET को नहीं समझ पा रहे हैं और राज्य के शिक्षा मंत्री आदिवासियों के DNA टेस्ट कराने में लगे हुए हैं.

राजस्थान में सदन में बजट पर चर्चा, संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा

राजस्थान में सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर चर्चा हुई.

संगरिया विधायक अभिमन्यु पूनिया ने परिचर्चा के दौरान सदन में कहा कि राज्य सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें किसान, महिलाएं, युवा अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है. हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर अनूपगढ जो अन्न का 50 प्रतिशत भंडार है उसको कुछ नहीं मिला है, मैं मांग करता हूं घग्गर नदी पर जो ऑटोहेड से जो पानी आता है उस बांध पर 1 रूपए सरकार ने नहीं दिया.

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शिक्षा को लेकर अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि देश के शिक्षा मंत्री NEET को नहीं समझ पा रहे हैं और राज्य के शिक्षा मंत्री आदिवासियों के DNA टेस्ट कराने में लगे हुए हैं. 600 करोड़ में से खालों के लिए पूर्व की सरकार में 150 करोड़ की पहली किस्त आई और इस सरकार ने सिर्फ़ 10 करोड़ रूपए दिए जिससे सिर्फ़ 10-15 खाले बन सकते हैं.

उन्होंने कहा कि फसल खराबे को लेकर सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की है. खाद्य सुरक्षा में नामांकरण के लिए लाखों किसानों ने आवेदन कर रखा है लेकिन अभी तक सब होल्ड पर हैं. बेरोज़गारी भत्ते को लेकर कहा कि जब से इनकी सरकार आई है तब से इस पर रोक लगा रखी है जिसे जल्द जारी किया जाए. आपकी सरकार को 7 माह हो चुके हैं, लेकिन ग्रामीण विकास की पहली सीढ़ी ग्राम पंचायत के बजट को रोक रखा है. जिसके चलते सरपंच हड़ताल पर हैं, डबल इंजन की सरकार ने जो बजट पेश किया बताना चाहिए कि केन्द्र सरकार के बजट आने से पहले उन्होंने यह बजट क्यों पेश किया और इस बजट में हनुमानगढ़, श्री गंगानगर, संगरिया, अनूपगढ़, नोहर को कुछ नहीं दिया है, पंजाब हरियाणा के बॉर्डर होने की वजह से संगरिया में हत्या,लूटपाट चोरी की वारदातें बढ़ी है और राज्य सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. 

उन्होंने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में भाजपा की सरकार आने के बाद राज्य किस ओर जा रहा है इसका पता ही नहीं है. जिस प्रकार से मीरा शिक्षा समिति का सरकारीकरण 2013 में किया गया, लेकिन वहाँ के कर्मचारी 126 महीने सैलरी के लिए दर दर भटक रहे हैं. जो सामुदायिक चिकित्सा केंद्र बने हुए थे, न वहां डॉक्टरों की कोई व्यवस्था है. उसमें सुधार किया जाए. मैं राज्य सरकार से माँग करता हूँ कि राज्य में छात्र संघ चुनाव फिर से शुरू कराए जाएं.

रिपोर्ट - मनीष गौर