Rajasthan News: राजस्थान कांग्रेस में उथल-पुथल,आमने-सामने आए दो कद्दावर नेता, जानें क्या पूरा मामला
राजस्थान कांग्रेस में उथल-पुथल जारी है,जहां मेवाराम जैन की अशोक गहलोत के साथ मुलाकात ने सियासी पारा चढ़ा दिया है तो दूसरी दिग्गज कांग्रेस नेता हरीष चौधरी ने इस मीटिंग पर तीखा रिएक्शन दिया। जानें पूरा मामला।
राजस्थान कांग्रेस में कुछ ठीक नहीं चला रहा,ये हम नहीं बल्कि सामने आ रही तस्वीरें कह रही हैं। जहां एक नेता निष्कासित नेता से मुलाकात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के अन्य लोग इस पर सवाल खड़ा कर रहे है। कुलमिलाकर, इन दिनों राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। दरअसल, बीते दिन कांग्रेस से निष्कासित नेता मेवाराम जैन पूर्व सीएम अशोक गहलोत से मिलने पहुंचे। जिसके बाद से कयास लगाए लगे जैन जल्द ही कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं, हालांकि अब इस मसले पर बाड़मेर से कांग्रेस नेता हरीष चौधरी का तीखा रिएक्शन सामने आया है।
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क्या बोले कांग्रेस नेता हरीष चौधरी
दरअसल, हरीष चौधरी बाड़मेर में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने बिना किसी का नाम लिये निशाना साधा,हालांकि लोग उनके बयान को मेवाराम के मुद्दे से जोड़कर देख रहे हैं। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चरित्रहीन ताकतों संग समझौता करने से बेहतर है सन्यास लेकर घर बैठ जाए। वह ऐसी ताकतों के साथ समझौता बिल्कुल नहीं करेंगे साथ ही उन्होंने ये तक कह दिया अगर ऐसा होता है तो वह राजनीति भी नहीं करेंगे। उन्होंने ये प्रतिक्रिया अशोक गहलोत और मेवाराम की मुलाकात के बाद दी है।
क्यों निष्काष्ति किये गए थे मेवाराम जैन
गौरतलब है, राजस्थान विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मेवाराम जैन का एक अश्लील वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। बीते कई महीनों से वह राजनीति से दूर थे हालांकि एक बार फिर वह एक्टिव हुए हैं। उन्हें बैठकों में देखा जा रहा है। इसी बीच गलहोत से उनकी मुलाकात ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। मेवाराम अशोक गलहोत के करीबी माने जाते हैं। वह जयपुर में डेरा डाले हैं, जिसे आगामी निकाय और पंचायती राज्य चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
बाड़मेर में मेवाराम की मजबूत पकड़
जब बात बाड़मेर की आती है तो मेवाराम के आगे कोई नहीं टिकता। वह अपने दम पर लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। इसके अलावा राजस्थान में उन्हें बाड़मेर का चाणक्य कहा जाता है, अपनी कूटनीति से अच्छों-अच्छों को धराशाई करने वाले मेवाराम यदि कांग्रेस में वापसी करते हैं तो निकाय और पंचायती चुनावों में वह गेमचेंजर की भूमिक निभा सकते हैं।