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कहने को तो अमृत सरोवर, लेकिन पानी की बूंद तक नहीं, प्रशासनिक उदासीनता के चलते सूखा पड़ा है तालाब

धौलपुर जिले के सैंपऊ उपखंड के बज्जरगढ़ गांव में पशु पक्षियों के पीने के पानी के लिए बनाया गया अमृत सरोवर सूखा पड़ा हुआ है. कहने को तो सरकार के द्वारा अपनी योजना में बनाए गए तालाब का नाम 'अमृत' सरोवर रख दिया.

कहने को तो अमृत सरोवर, लेकिन पानी की बूंद तक नहीं, प्रशासनिक उदासीनता के चलते सूखा पड़ा है तालाब

धौलपुर जिले के सैंपऊ उपखंड के बज्जरगढ़ गांव में पशु पक्षियों के पीने के पानी के लिए बनाया गया अमृत सरोवर सूखा पड़ा हुआ है. कहने को तो सरकार के द्वारा अपनी योजना में बनाए गए तालाब का नाम 'अमृत' सरोवर रख दिया. लेकिन अमृत कहे जाने वाले इस तालाब में आज तक पशु पक्षियों को पानी भी नहीं मिल पा रहा है.

बसई नवाब तहसील की ग्राम पंचायत नगला हरलाल से जुड़ा यह पूरा मामला है. जहां बीते दो वर्ष पूर्व सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत ग्राम पंचायत ने तालाब का निर्माण कर दिया. इसमें पानी भरने के लिए दो ट्यूबवेल भी लगा दिए गए, लेकिन इस अमृत सरोवर में आज तक पानी नहीं भरा गया है. ऐसे में भीषण गर्मी के बीच बेजुबान पशु पक्षी पीने के पानी के लिए बेहाल बने हुए हैं.

सूखे पड़े तालाब को लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश फूट पड़ा है. मंगलवार को एकजुट हुए लोगों ने प्रदर्शन कर रोष प्रकट किया और वसई नवाब तहसीलदार राजेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग की गई. लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते लाखों रुपए की लागत से बना तालाब सूखा पड़ा है. भीषण गर्मी के बीच पशु पक्षियों के लिए सरकार काफी गंभीर है. उसके बावजूद भी ग्राम पंचायत के द्वारा अमृत सरोवर तालाब में पानी नहीं भरा जा रहा है.

रिपोर्ट - राहुल शर्मा