Trendingट्रेंडिंग
वेब स्टोरी

और देखें
वेब स्टोरी

भगवान विष्णु का पावन धाम जगदीश मंदिर, जानिए मंदिर से सपनों का क्या है कनेक्शन...

जगदीश मंदिर उदयपुर का बड़ा ही सुन्दर, प्राचीन एवं विख्यात मंदिर है। आद्यात्मिक्ता के क्षेत्र में इसका अपना एक विशेष स्थान है। साथ ही मेवाड़ के इतिहास में भी इसका योगदान रहा है। यह मंदिर उदयपुर में रॉयल पैलेस के समीप ही स्थित है। यह मंदिर भारतीय-आर्य स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहण है। यह मंदिर उदयपुर की शान है।

भगवान विष्णु का पावन धाम जगदीश मंदिर, जानिए मंदिर से सपनों का क्या है कनेक्शन...

जगदीश मंदिर उदयपुर का बड़ा ही सुन्दर, प्राचीन एवं विख्यात मंदिर है। आद्यात्मिक्ता के क्षेत्र में इसका अपना एक विशेष स्थान है। साथ ही मेवाड़ के इतिहास में भी इसका योगदान रहा है। यह मंदिर उदयपुर में रॉयल पैलेस के समीप ही स्थित है। यह मंदिर भारतीय-आर्य स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहण है। यह मंदिर उदयपुर की शान है।

जगदीश मंदिर का सपने से क्या है संबंध

राजस्थान के इस विश्वविख्यात विष्णु मंदिर के बारे में मान्यता है कि कभी भगवान श्री विष्णु ने यहां के राजा जगत सिंह प्रथम को सपने में दर्शन देकर एक भव्य मंदिर बनाने का आदेश दिया था। मान्यता है कि स्वप्न में भगवान श्री विष्णु ने राजा से कहा कि अब वे यहीं पर आकर निवास करेंगे। इसके बाद उदयपुर के महाराणा जगत सिंह प्रथम ने भगवान श्री विष्णु के इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। जिसे बनाने में कुल 25 साल लग गये और यह 1652 में जाकर पूरा हुआ था।

मंदिर का निर्माण

इसका निर्माण महाराणा जगत सिंह ने सन् 1651 में करवाया था। उस समय उदयपुर मेवाड़ की राजधानी थी। यह मंदिर लगभग 400 वर्ष पुराना है। यह उदयपुर का सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर में प्रतिष्ठापित चार हाथ वाली विष्णु की छवि काले पत्थर से बनी है। उदयपुर शहर आने वाले पर्यटकों को यहां की नील पानी की झील और भगवान जगदीश का विशाल मंदिर को मोह लेता है। यहां आने वाले हर पर्यटक को भगवान जगदीश का विशाल मंदिर अपनी ओर जरूर आकर्षित करता है। करीब 400 साल पहले मेवाड़ के महाराणा जगत सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर की विशालता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके निर्माण में करीब 25 वर्ष का समय लगा था। तब से लेकर अब तक यह मंदिर मेवाड़ के साथ देश और दुनिया से आने वाले लोगों के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र बना हुआ है।