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जयपुर व्यापारियों को दीपावली पर मिली धमकी, 'बटेंगे तो कटेंगे' का पोस्टर बना मुसीबत

जयपुर के टोंक फाटक क्षेत्र के आदर्श बाजार में दीपावली के प्रचार पोस्टर के कारण दो व्यापारियों को गंभीर धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों रतन परनामी और पंकज गुप्ता को पाकिस्तान और मालदीव से आए अज्ञात नंबरों से धमकी भरे कॉल मिल रहे हैं, जिसमें उन्हें 10 दिनों के भीतर गोली मारने की चेतावनी दी गई है।

जयपुर व्यापारियों को दीपावली पर मिली धमकी, 'बटेंगे तो कटेंगे' का पोस्टर बना मुसीबत

राजधानी जयपुर के टोंक फाटक क्षेत्र में स्थित आदर्श बाजार के दो व्यापारियों को दीपावली के मौके पर लगाए गए एक पोस्टर के चलते गंभीर खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

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व्यापारी रतन परनामी और पंकज गुप्ता ने हाल ही में दीपावली की खरीदारी को लेकर अपने व्यवसाय का प्रचार करने के लिए एक पोस्टर तैयार किया था, जिसमें लिखा गया था, "बटेंगे तो कटेंगे… दीपावली की खरीदारी उनसे करें जो आपकी खरीदारी से दीपावली बना सकें।"

अज्ञात नंबरों से आया धमकी भरा कॉल

हालांकि, इस पोस्टर के लगते ही दोनों व्यापारियों को अज्ञात नंबरों से धमकी भरे वाट्सऐप कॉल और मैसेज मिलने लगे। इन कॉल्स में कहा गया है कि यदि उन्होंने अगले 10 दिनों में अपनी गतिविधियां जारी रखीं, तो उन्हें गोली मारकर हत्या कर दिया जाएगा। यह कॉल विशेष रूप से पाकिस्तान और मालदीव से आए हैं, जिससे व्यापारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

दुकान के प्रचार के लिए लगाया था पोस्टर

रतन परनामी ने बजाज नगर थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, "हमने केवल अपनी दुकान के प्रचार के लिए एक साधारण पोस्टर लगाया था, लेकिन अब हमें लगातार धमकियां मिल रही हैं। फोन नहीं उठाने पर हमें अभद्र भाषा का सामना करना पड़ता है।" व्यापारियों के बीच इस घटना से भय और चिंता फैल गई है, और उन्होंने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है।

क्या सीएम योगी के नारे संदर्भ में लग रहे नारे?

इस बीच, यह घटना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए "बटेंगे तो कटेंगे" नारे के संदर्भ में भी देखी जा रही है। इस नारे का इस्तेमाल उन्होंने विपक्षी दलों की रणनीति की आलोचना करते हुए किया था, जिसमें कहा गया था कि विपक्ष हिंदुओं को जातियों में बांटकर कमजोर करना चाहता है।

इस मामले ने न केवल व्यापारियों में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक चुनौती पेश की है। लोग अब यह जानने को इच्छुक हैं कि क्या सरकार और पुलिस इस प्रकार की धमकियों से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाएंगी।