Jaipur News: उड़ गए होश ! देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े सुरक्षा की गुहार, इस बड़े मंच से रखी गई बात
बच्चों की प्रथम गुरु मां होती है। वही उन्हें संस्कारित करती है। शिवाजी को प्रेरणा देने वाली उनकी मां जीजाबाई थीं। स्वामी विवेकानंद और मदन मोहन मालवीय के जीवन में भी उनकी मां की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
राजस्थान विश्वविद्यालय के मानविकी पीठ सभागार में महिला सुरक्षा-चुनौतियां और समाधान प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक बाबूलाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला सुरक्षा के मुद्दे पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाओं को सशक्तीकरण की आवश्यकता नहीं, वह सशक्त हैं। पुरुष महिलाओं को नहीं बनाता बल्कि महिलाएं पुरुषों का निर्माण करती हैं।
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मां को बताया प्रथम गुरू
उन्होंने कहा कि बच्चों की प्रथम गुरु मां होती है। वही उन्हें संस्कारित करती है। शिवाजी को प्रेरणा देने वाली उनकी मां जीजाबाई थीं। स्वामी विवेकानंद और मदन मोहन मालवीय के जीवन में भी उनकी मां की महत्वपूर्ण भूमिका थी। आज भी माताओं के ऊपर जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, ताकि एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने दूसरे पंथों में स्त्रियों की स्थिति बताते हुए महिला के प्रति भारतीय व अभारतीय दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला।
महिला सुरक्षा में मीडिया की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करें
संगोष्ठी को शुरू करते हुए स्वतंत्र पत्रकार एवं विचारक डॉ. शिप्रा माथुर ने कहा कि देश में यौन हिंसा के मामले बढ़े हैं, और जघन्यता भी बढ़ी है। पहले सिर्फ बलात्कार होते थे, अब बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या भी हो रही है। ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए हमें लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाना होगा। मीडिया को भी सेलेक्टिव पत्रकारिता से ऊपर उठकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। बलात्कार तो बलात्कार है, अगर इसमें भी जाति या समुदाय देखा जाएगा तो पत्रकारिता के साथ न्याय नहीं हो सकता।
एडीजी रेलवे अनिल पालीवाल ने भी किया संबोधित
वरिष्ठ आईपीएस और वर्तमान में एडीजी रेलवे अनिल पालीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा का विषय समाज और संस्कृति से जुड़ा है। इसको लेकर राज्य सरकार और पुलिस भी चिंतित है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हमेशा से समाज की पोषक रही हैं। इसे समाज ने स्वीकारा भी है। चाहे गाय हो या फिर नदियां, हमने इन्हें भी मां का स्थान दिया है। सनातन संस्कृति में महिला का सम्मान रचा बसा है। एडीजी पालीवाल ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में 90 प्रतिशत अपराधी परिचित ही होते हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान समाज के लिए चुनौती
एडवोकेट मूमल राजवी ने कहा कि सभ्य समाज के लिए महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि जिस देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, वह देश तरक्की नहीं कर सकता।
अजमेर सेक्स स्कैंडल की चर्चा
मूमल राजवी ने अजमेर सेक्स स्कैंडल की चर्चा करते हुए कहा कि वह दौर कितना भयावह रहा होगा, जब एक बालिका से शुरू हुआ यह घिनौना कृत्य 250 बालिकाओं के जीवन को तबाह कर गया। कुछ बालिकाओं ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोपी यूथ कांग्रेस से जुड़े थे और अजमेर दरगाह के खादिम परिवार से थे। उनकी पहुंच और दबदबे के आगे सिस्टम भी कुछ नहीं कर पाया। कुछ आरोपी बरी हो गए और कुछ जमानत पर रिहा होकर आराम का जीवन गुजार रहे हैं। 32 वर्ष बाद 6 आरोपियों को सजा हुई है। यह बताता है कि हमारा सिस्टम कितना कमजोर है। मूमल ने कहा कि चुप्पी अपराधियों को निडर बनाती है। इतिहास केवल उन लोगों द्वारा लिखा जाता है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हैं।
अजमेर सेक्स स्कैंडल के बाद 1999 से 2003 तक अजमेर में पढ़ाई करने वाली पुष्पा यादव ने बताया कि उस समय लोग इस मामले पर चर्चा करने से भी डरते थे। परिवार के लोगों ने हमें दरगाह पर जाने से भी मना कर दिया था। एक बार जब हम अपने दोस्तों के साथ दरगाह गए तो दरगाह में भी मुस्लिम लड़के भद्दे कमेंट करने से बाज नहीं आए। वे हमें देखकर गा रहे थे, "हुस्न की चक्की चली फिर एक दाना फंसा, हम फंसे तो क्या फंसे मौलाना और चिश्ती फंसे।" इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय अजमेर में कैसा माहौल रहा होगा।
महिलाओं की सुरक्षा को बताया राष्ट्र का विषय
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए समर्थ सेवा न्यास की अध्यक्ष डॉ. मंजू शर्मा ने कहा कि महिला सुरक्षा का मुद्दा सिर्फ महिलाओं का नहीं बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र का है। आए दिन मानवता को शर्मसार करने वाले मामले सामने आ रहे हैं। कानून महिलाओं के पक्ष में है, इसके बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कोलकाता का मामला आप सभी के सामने है।
मनसा अध्यक्ष डॉ. सुनीता अग्रवाल ने सभी का आभार जताया। संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और मां शारदे के भजन से हुआ और समापन शांति मंत्र से हुआ। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रभारी गेंदालाल और लाइफ लॉन्ग लर्निंग विभाग के निदेशक डॉ. जय सिंह सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और छात्राएं मौजूद थीं। कार्यक्रम का आयोजन समर्थ सेवा न्यास, मानसा और लाइफ लॉन्ग लर्निंग विभाग द्वारा किया गया था।