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Jaipur News: विपक्ष का हल्ला बोल, सरकार की मनमानी! जिलों के गठन पर विशेष सत्र की मांग, पढ़ें पूरी खबर एक क्लिक में

जूली ने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में ही नए जिलों और संभागों की घोषणा की थी।

Jaipur News: विपक्ष का हल्ला बोल, सरकार की मनमानी! जिलों के गठन पर विशेष सत्र की मांग, पढ़ें पूरी खबर एक क्लिक में

राजस्थान में नए जिलों के गठन का मुद्दा गरमा गया है। विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने राज्य सरकार पर नए जिलों की समीक्षा के नाम पर अस्थिरता और असमंजस फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए भाजपा सरकार नए जिलों में कटौती की फिराक में है।

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विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर जोर

जूली ने जोर देकर कहा कि नए जिले और संभाग बनाने का मामला बेहद संवेदनशील है और राज्य के भविष्य से जुड़ा है। इसलिए इस पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए ताकि सदन को विश्वास में लिया जा सके।

मंत्रियों के रिपोर्ट की समीक्षा

उन्होंने बताया कि पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार ने दो महीने पहले ही नए जिलों पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। सरकार की मंत्रियों की उप-समिति इस रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है, लेकिन मंत्री लगातार विवादास्पद बयान दे रहे हैं, जिससे कई नए जिलों के प्रति उनके पूर्वाग्रह साफ झलकते हैं।

पूर्व सीएम का बजट भाषण

जूली ने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट भाषण में ही नए जिलों और संभागों की घोषणा की थी। इससे पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल था और विकास को नई गति मिलने की उम्मीद जगी थी। यहां तक कि और नए जिलों और संभागों की मांग भी उठने लगी थी।

भाजपा सरकार का पूर्वाग्रह

लेकिन भाजपा के सत्ता में आते ही इस फैसले पर विवाद खड़ा करने की कोशिशें शुरू हो गईं। सरकार के मंत्री जनता को भ्रमित कर रहे हैं और कई नए जिलों के प्रति उनका रवैया राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित है। यहां तक कि मंत्रियों की उप-समिति के संयोजक भी पहले उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा थे, जिन्हें बाद में हटाकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को बना दिया गया।

बुनियादी ढांचे को मजबूत करना बीजेपी का कर्तव्य

जूली ने कहा कि भाजपा सरकार का कर्तव्य है कि वे नए जिलों और संभागों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करे। लेकिन ये सरकार अदूरदर्शी और नाकारा साबित हुई है। ये दिल्ली से आने वाले आदेशों पर चलती है और आए दिन यू-टर्न लेती रहती है। इसलिए नए जिलों और संभागों जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी उसका रवैया पूर्वाग्रह से ग्रस्त दिखाई देता है।

विशेष सत्र की जरूरत - जूली

जूली ने मांग की कि भाजपा सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर ललित के. पंवार की रिपोर्ट और मंत्रियों की उप-समिति की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे। दोनों रिपोर्ट पर खुली बहस हो और राज्य के हित में नए जिलों और संभागों पर कोई सकारात्मक फैसला लिया जाए। जहां अतिरिक्त जिलों और संभागों की जरूरत हो, उस पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए।