राजाओं की पसंद बन गई जयपुर की शान, आम से लेकर खास तक की पहली पसंद जयपुरी रजाई
राजस्थानी क्राफ्ट की बात ही अलग है. यहां हर मौके, हर रस्म और हर मौसम के लिए चीजें हैं. इन चीजों को आम समझने की कोशिश तो बिल्कुल भी न कीजिएगा. क्योंकि इन फेमस चीजों के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर होती है, जो इसे और से अलग बनाती है. इसी कड़ी में बात करेंगे जयपुरी रजाई की. राजस्थान जितना अलग है उतना ही अलग यहां का मौसम भी है.
राजस्थानी क्राफ्ट की बात ही अलग है. यहां हर मौके, हर रस्म और हर मौसम के लिए चीजें हैं. इन चीजों को आम समझने की कोशिश तो बिल्कुल भी न कीजिएगा. क्योंकि इन फेमस चीजों के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर होती है, जो इसे और से अलग बनाती है. इसी कड़ी में बात करेंगे जयपुरी रजाई की. राजस्थान जितना अलग है उतना ही अलग यहां का मौसम भी है. कड़ाके की ठंड हो और जयपुरी रजाई हो तो क्या ही बात है. जयपुर की ये रजाई अपने कंफर्ट और गर्माहट के लिए दुनियाभर में फेमस है.
300 पुराना है इतिहास
स्थानीयों का कहना है कि जयपुरी रजाई का इतिहास करीब 300 साल पुराना है. बताया जाती है कि जयपुरी रजाई पहली बार स्वर्गीय कादर बक्श ने 1723 में बनाई थी जो आज उनकी 7वीं पीढ़ी भी उन रजाईयों को बनाकर इस काम को बरकरार रखे है. शुरूआत में राजाओं और राज परिवारों के लिए ये बनाई जाती थी.
स्वर्गीय कादर बक्श के वंशज बताते हैं कि पहली बार रजाई जयपुर के महाराजा राजा जयसिंह को भेंट की गईं थीं. बेहतरीन रजाई से ख़ुश होकर राजा ने उनको हवामहल के पास बसाया और तभी से यहीं पर जयपुरी रजाई लगातार बनाई जाने लगीं.
जयपुर की ये रजाईयां पुराने समय में हाथों से तैयार होती थीं. रजाई के अंदर इस्तेमाल होने वाली रुई और हाथों से ब्लॉक प्रिंटिंग के कपड़े के कारण जयपुरी रजाई दुनिया भर में फेमस हो गई.
गर्माहट और हल्का भार
जयपुरी रजाईयों की खास बात यह है कि इनकी गर्माहट और हल्के भार से इनकी मांग हमेशा रहती है. रजाई में इतनी गर्माहट होती कि -5° ठंड में भी जयपुरी रजाई गर्माहट देती है. रजाई केवल 2 से 3 किलो की होती हैं. जिसमें रुई के साथ फाइबर मिक्स होता हैं. लेकिन फाइन क्वालिटी की जयपुरी रजाई केवल100 ग्राम की होती हैं. जिसमें उच्च गुणवत्ता की रुई का इस्तेमाल होता है, जिसको हाथों से तैयार किया जाता है.
इन रजाईंयों का कवर भी काफी खास होता है. कवर के लिए ब्लॉक प्रिंटिंग के फेमस कपड़े का इस्तेमाल होता है. जो रजाई की सुंदरता में चार चांद लगाता है.