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मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सियासत हुई तेज, साधु-संतों का में दिखा आक्रोश, राजस्थान उपचुनाव पर पड़ सकता है असर

मुंबई में आयोजित 'संविधान बचाओ सम्मेलन' में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान से सियासी माहौल गरमा गया है। खड़गे ने इशारों में योगी आदित्यनाथ सहित साधु भेष में राजनीति करने वालों पर निशाना साधा, जिससे भाजपा और हिंदू संत समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया है। 

मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर सियासत हुई तेज, साधु-संतों का में दिखा आक्रोश, राजस्थान उपचुनाव पर पड़ सकता है असर

मुंबई में आयोजित 'संविधान बचाओ सम्मेलन' में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। सम्मेलन में खड़गे ने अपने संबोधन के दौरान कुछ ऐसा कहा जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदू संत समाज के बीच गहरा आक्रोश फैल गया है। खड़गे ने इशारों में योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कई नेता साधु के भेष में राजनीति में प्रवेश कर गए हैं, और कुछ तो मुख्यमंत्री के पद पर भी हैं। खड़गे के इस बयान का जवाब देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

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खड़गे को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह

सरस्वती ने खड़गे को उनके बयान पर आत्मनिरीक्षण करने की सलाह देते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में साधु-संतों का योगदान हमेशा से सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा, "स्वामी श्रद्धानंद जैसे संतों के नेतृत्व में अनेक सन्यासियों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। कांग्रेस ने हमेशा संतों का राजनीतिक लाभ उठाया है, और आज अगर भाजपा में संत राजनीति कर रहे हैं तो खड़गे को आपत्ति क्यों है?" सरस्वती ने इस बयान को हिंदू संत समाज के प्रति भेदभाव और कांग्रेस की दोहरी मानसिकता करार दिया।

राजस्थान उपचुनाव पर खड़गे के बयान का असर

खड़गे के इस बयान का असर आगामी राजस्थान उपचुनावों पर भी पड़ सकता है। संतों के प्रति विवादित टिप्पणी और गेरुआ वस्त्र पहनने वाले नेताओं पर उंगली उठाने से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं, जिसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।

हिंदू संत समाज में आक्रोश

कांग्रेस पार्टी के लिए खड़गे का यह बयान राजनीति में संतों की भूमिका को लेकर गंभीर प्रश्न खड़ा कर सकता है। देशभर में हिंदू संत समाज ने इस बयान को अपमानजनक बताते हुए खड़गे से माफी की मांग की है। इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और अधिक गरमा दिया है, जिसमें भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की सोच पर एक और विवादास्पद बयान करार दिया है।