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आइए जानते हैं सीकर लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण, इतिहास, भूगोल और सामाजिक तानाबाना के बारे में....

सीकर लोकसभा सीट राजस्थान के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। सुमधानंद सरस्वती सीकर से 2019 लोकसभा चुनाव में चुने गए थे। राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों के लिए इस महीने दो चरणों में मतदान होने वाला है, जिसमें कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है। कांग्रेस ने नागौर और सीकर में गठबंधन कर 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

आइए जानते हैं सीकर लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण, इतिहास, भूगोल और सामाजिक तानाबाना के बारे में....

सीकर लोकसभा चुनाव

सीकर लोकसभा सीट राजस्थान के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। सुमधानंद सरस्वती सीकर से 2019 लोकसभा चुनाव में चुने गए थे।

राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों के लिए इस महीने दो चरणों में मतदान होने वाला है, जिसमें कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है। कांग्रेस ने नागौर और सीकर में गठबंधन कर 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

सीकर, राजस्थान का एक प्रमुख शहर है और 25 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में से एक हैं। यह शहर शेखावाटी के नाम से जाना जाता है। इसके आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। 1952 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ था। सीकर एक एतिहासिक शहर है जहां पर कई हवेलियां हैं जो कि मुख्य पर्यटक आकर्षण हैं। सीकर ज़िले के उत्तर में झुन्झुनू, उत्तर-पश्चिम में चूरू, दक्षिण-पश्चिम में नागौर और दक्षिण-पूर्व में जयपुर जिले की सीमाएं लगती हैं। यहां के कई ऐसे मंदिर हैं जहां रोज कई श्रद्धालु आते हैं। हर्षनाथ मंदिर, जीण माता मंदिर, सालासर

इतिहास भूगोल

सीकर ना केवल राजस्थान का ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह खाटू श्याम और सालासर बालाजी की जमीन भी है। राजस्थान के उत्तर पूर्व में बसे नेहरावती यानी सीकर को शेखावटी की राजधानी कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। राजधानी जयपुर से 115 किमी दूर यह शहर पुरानी हवेलियों और किलों के लिए जाना जाता है। इस शहर को साल 1687 में राव दौलत सिंह ने बसाया। उस समय यह जयपुर राजघराने की जागीर माना जाता था। यहां शेखावत राजपूत शासन करते थे।

खेती बाड़ी और विकास

सीकर जिले में कमाई का मुख्य जरिया खेतीबाड़ी है। यहां की जमीन में कई तरह के खनिज तत्व भी हैं। इसके अलावा राजस्थान में कोटा के बाद यह शिक्षा का दूसरा बड़ा केंद्र भी है। किले और हवेलियों की वजह से यहां रोजी रोटी का एक बड़ा माध्यम पर्यटन भी है। खासतौर पर खाटू श्याम मंदिर और सालासर बालाजी धाम में हर साल लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।

सामाजिक तानाबाना

यह सामान्य श्रेणी की संसदी सीट है। इस लोकसभा क्षेत्र में 7 विधानसभा क्षेत्र सीकर जिले के ही हैं। वहीं एक विधानसभा क्षेत्र जयपुर जिले का लगता है। इस सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 310,320 है। इसी प्रकार करीब 68,960 मतदाता अनुसूचित जनजाति के हैं। इस लोकसभा क्षेत्र में करीब कुल आबादी का करीब साढ़े 8 फीसदी वोटर यानी 173,170 मुस्लिम हैं। इस क्षेत्र में करीब 79 फीसदी मतदाता गांवों में रहते हैं और करीब 21 फीसदी वोटर शहरी हैं। 2019 के संसदीय चुनाव में यहां कुल वोटर्स की संख्या 2028235 थी।