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बूंदी के सालों के इंतजार को खत्म करने वाले महाराव वंशवर्धन सिंह

साल 2022 में देश के कई प्रसिद्ध राजपरिवारों की मौजूदगी में वंशवर्धन सिंह को 26 वें महाराव राजा के तौर पर पाग धारण कराई गई. बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर के महाराजा भंवर जितेंद्र सिंह ने वंशवर्धन सिंह को पाग धारण कराई. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जब वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया था, तब जाकर 12 साल बाद बूंदी रियासत को अपना मुखिया मिला.

बूंदी के सालों के इंतजार को खत्म करने वाले महाराव वंशवर्धन सिंह

राजस्थान के इतिहास में हाड़ा वंश की सबसे प्राचीन रियासत है बूंदी. जिसके तख्त ने तकरीबन 12 साल तक अपने राजा का इंतजार किया. सालों तक अपने वारिस का इंतजार किया. सालों तक दो नामों के बीच में ये तख्त इंतजार करता रहा लेकिन इस रियासत का इंतजार तब समाप्त हुआ जब उनको अपना महाराव वंशवर्धन सिंह के रूप में मिला. साल 2022 में देश के कई प्रसिद्ध राजपरिवारों की मौजूदगी में वंशवर्धन सिंह को 26 वें महाराव राजा के तौर पर पाग धारण कराई गई. बूंदी रियासत के भाणेज और अलवर के महाराजा भंवर जितेंद्र सिंह ने वंशवर्धन सिंह को पाग धारण कराई. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जब वंशवर्धन सिंह का राजतिलक किया गया था, तब जाकर 12 साल बाद बूंदी रियासत को अपना मुखिया मिला.

बूंदी रियासत का इतिहास

हाड़ा राजवंशों की रियासत बूंदी राजपूत इतिहास की सबसे प्राचीन रियासतों में से एक माना जाता है. बूंदी रियासत की स्थापना महाराव देवा हाड़ा ने सन् 1242 में की थी. इस राजवंश में कई बड़े शासक हुए. राजपूताने की अगर बात करें तो चौहान वंश के हाड़ा कुल की प्रथम रियासत हैं.

बूंदी के 26वें महाराव राजा वंशवर्धन

बूंदी के महाराव राजा वंशवर्धन सिंह का जन्म 8 जनवरी 1987 को कापरेन ठिकाने के महाराजधिराज बलभद्र सिंह हाड़ा के घर को हुआ था. वंशवर्धन की प्राथमिक शिक्षा डेली कॉलेज इंदौर से हुई. इसके बाद इनके कॉलेज की शिक्षा इंग्लैंड लीस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी से हुई. वंशवर्धन सिंह ने व्यवसाय प्रबंधन में कनाडा से स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की है. साथ ही तकरीबन दो साल तक अनुभव के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में प्रबंधन का काम भी संभाला है.

महाराजा रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी

वंशवर्धन सिंह साल 2013 में बूंदी लौट आए थे. वंश परम्परा के अनुसार इनको महाराजा रणजीत सिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया. इनका विवाह ठाकुर दीप सिंह धनानी की बेटी मयूराक्षी कुमारी से साल 2016 में हुआ है. वंशवर्धन और मयूराक्षी के एक बेटा वज्रनाभ सिंह हैं.

खेलों में भी रही है रुची

बूंदे के महाराव राजा वंशवर्धन सिंह का सरोकार आम जनता से काफी ज्यादा है. कई मौकों पर उन्हें आम जनता के बीच देखा जाता है. उनकी मुलाकात की ये तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड करती रहती हैं. इसके साथ ही उनके करीबी बताते हैं कि महाराव की रूचि खेलों में भी काफी रही है और राष्ट्रीय स्तर पर इनको कई पदक भी मिल चुके हैं.