Rajasthan News: थप्पड़ कांड के बाद राजनीतिक घमासान: बीजेपी-कांग्रेस पर उठे सवाल! पीड़ितों को मिलेगा न्याय?
राजस्थान के समरावता गांव में नरेश मीणा थप्पड़ कांड और हुई हिंसा पर सियासत गरम है। ग्रामीणों पर अत्याचार, पुलिस की भूमिका पर सवाल और एसडीएम पर कार्रवाई की मांग। बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर उठे सवाल। क्या मिलेगा पीड़ितों को न्याय? जानिए पूरी खबर।
खबर राजस्थान से है। जहां एक हफ्ते बाद भी नरेश मीणा थप्पड़ कांड की आग अभी शांत नहीं हुई है। उनके समर्थक लगातार नरेश मीणा को रिहा करने के लिए मार्च निकाल रहे हैं। यहां तक खुद किरोड़ीलाल मीणा नरेश से मिलने जेल पहुंचे थे। ग्रामीण लगातार न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी शासन ने मौन साधा हुआ है। सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो सामने आये है। जहां बच्चों को खाना खाते ग्रामीणों को रात के अंधेरे में पीटा गया और प्रशासन देखता रह गया। थप्पड़ कांड के बाद भी पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया था। ऐसे कई विषय हैं तो प्रशासन-पुलिस का फेलियर साफ तौर पर दर्शाते हैं।
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एसडीएम पर क्यों नहीं की गई कार्रवाई?
थप्पड़ कांड में नरेश मीणा का जितना दोष है उनती एसडीएम का भी। लोकतांत्रिक देश में कोई अधिकारी आम जनता को वोट डालने पर विवश कैसे कर सकता है जब पूरे गांव ने वोट डालने का बहिष्कार कर रखा हो। इस मामले के बाद एसडीएम पर मारपीट से जुड़े कई और आरोप भी लगे हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। किरोड़ीलाल मीणा का बयान जरूर सामने आया था सरकार इसकी भरपाई करेगी लेकिन कैसे। क्या वह समारवता गांव की उस काली रात और उसके जख्मों को कभी भर पायेगी।
बीजेपी-कांग्रेस दोनों पर उठे सवाल
टोंक जिले में मतदान का बहिष्कार करना गांव वालों को ऐसा दर्द दे जायेगा जिसे वह कभी नहीं भूल पायेंगे। एक तरफ प्रदेश में बटेंगे तो कटेंगे का नारा दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ अपने ही लोगों से नेता मिलने नहीं पहुंच रहे हैं। किरोड़ीलाल मीणा और विजय बैसला पहुंचे। लेकिन इसके अलावा समारवता गांव में न तो कांग्रेस का कोई नेता पहुंचा न बीजेपी का। ऐसे में समारवता गांव के लोगों को न्याय कैसे मिलेगा। खैर समरावता में हुई हिंसा पर भजनलाल सरकार का मौन कई सवालिया निशान खड़ा कर रहा है,देखने वाली बात होगी सरकार उन निर्देोष ग्रामीणों को न्याय दिलाने के लिए क्या जरूरी कदम उठाती है।