हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त हुए अशोक गहलोत, अजय माकन और प्रताप बाजवा
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति को मज़बूत करने के लिए तीन वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जिनमें अशोक गहलोत, अजय माकन, और प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। सभी प्रमुख पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं और प्रचार अभियान तेज़ हो गया है। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सियासी पारा चढ़ चुका है। कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
ये भी पढ़े-
तीन वरिष्ठों की नियुक्ति
शनिवार को कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव के मद्देनजर तीन वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जिनमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस नेता अजय माकन, और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा शामिल हैं। इन नेताओं की नियुक्ति कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा की गई है। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई कि इन पर्यवेक्षकों का मुख्य उद्देश्य प्रचार अभियान को धार देना और चुनावी रणनीतियों को और मज़बूती से लागू करना है।
तीनों ही नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
अजय माकन राज्यसभा के सदस्य हैं, वहीं अशोक गहलोत राजस्थान के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री हैं। प्रताप सिंह बाजवा पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। तीनों ही नेता कांग्रेस के अनुभवी और प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते हैं, जिनके कंधों पर हरियाणा विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी की
इसके अलावा, कांग्रेस ने हाल ही में अपने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं। कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है कि वह इस चुनाव में अपना खोया हुआ जनाधार वापस पा सके। पार्टी के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य में पिछले 10 सालों से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है, जो तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है।
हरियाणा की 90 सीटों वाली विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होना तय है, जबकि मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, और सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों के साथ पूरी ताकत से मैदान में उतर चुकी हैं।