नाथद्वारा में श्रीनाथजी के दर्शन कर बोले पंडित शास्त्री, धर्म का वोट बैंक के लिए उपयोग करना अपराध है
भीलवाड़ा में हनुमानजी की कथा में सम्मिलित होने आए बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने श्रीनाथजी के दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि धर्म का उपयोग राजनीतिक वोट बैंक के लिए करना एक अपराध है। स्वयं को धर्म का सिपाही बताते हुए उन्होंने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, लेकिन राजनीति से धर्म नहीं।
भीलवाड़ा में आयोजित हनुमानजी की कथा में भाग लेने आए बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने शुक्रवार को श्रीनाथजी के दर्शन किए। दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने धर्म और राजनीति के संबंध पर अपने विचार साझा किए। पंडित शास्त्री ने कहा कि धर्म को वोट बैंक की राजनीति से जोड़ना एक बड़ा अपराध है। उन्होंने स्वयं को धर्म गुरु मानने के बजाय धर्म का सिपाही बताया और कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, पर राजनीति से धर्म नहीं। धर्म को मोक्ष और जिज्ञासा का मार्ग बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्राचीन परंपराओं को जीवंत रखने और आनंद प्राप्ति का साधन है।
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राजनीति को धर्म से नहीं जोड़े
उन्होंने देश में हो रही राजनीति की उठापटक का जिक्र करते हुए कहा कि इसे धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए, क्योंकि सनातन धर्म अखंड है और इसे किसी भी तरह से विभाजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने सनातन को अखंड बताते हुए युवाओं से आग्रह किया कि वे विदेशी युवाओं से आगे बढ़कर देश की प्रगति में योगदान दें। साथ ही, शास्त्री ने प्रभु श्रीनाथजी से यह प्रार्थना की कि भारत जल्द ही हिंदू राष्ट्र बने और धर्म विरोधी तत्व देश से दूर हो जाएं।
ठाकुर जी के दर्शन का अनुभव व्यक्त किया
श्रीनाथजी के मंगला दर्शन के बाद, मंदिर प्रबंधक सुधाकर उपाध्याय द्वारा परंपरागत स्वागत किया गया। शास्त्री ने इस दौरान ब्रजभाषा में ठाकुरजी के दर्शन के आनंद का अनुभव साझा किया और कहा कि दर्शन से आत्मा संतुष्ट हुई, हालांकि मुंबई में तिलकायत परिवार की उपस्थिति की कमी महसूस हुई।
धीरेंद्र शास्त्री के दौरे में हुए बदलाव
शास्त्री ने भीलवाड़ा से नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर तक के अपने दौरे में कुछ बदलाव किए। वे पूर्व निर्धारित रास्ते के बजाय फौज मोहल्ला और गोविंदपुरा से होते हुए मंदिर पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त उनकी झलक पाने के लिए पहुंचे, जिनका उन्होंने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। दर्शन के बाद शास्त्री ने राजसमंद हाउसिंग बोर्ड में एक भक्त के निवास पर कुछ समय बिताया और फिर भीलवाड़ा के लिए प्रस्थान किया।