Rajasthan By-Election: 'दलाली करते हैं हनुमान बेनीवाल', उपचुनाव के बीच ज्योति मिर्धा का प्रहार, पढ़ें Exclusive Report
राजस्थान में सियासी पारा चरम पर है। ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी RLP पर जमकर हमला बोला है। मिर्धा ने बेनीवाल को मौकापरस्त बताया और कहा कि उनकी पार्टी खींवसर में तालिबान की तरह काम करती है।
राजस्थान में सियासी पारा चरम पर है। सचिन पायलट से लेकर किरोड़ीलाल मीणा तक मैदान में हैं और प्रत्याशियों के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं लेकिन इस वक्त सबसे ज्यादा सुर्खियां हनुमान बेनीवाल का गढ़ खींवसर बंटोर रहाहै। एक वक्त था जब नागौर में मिर्धा परिवार की तूती बोलती थी। लोकसभा चुनावों के दौरान ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने लोकसभा चुनावों में बेनीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था, हालांकि ज्योति को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में दोनों दिग्गज नेताओं के बीच सियासी बयानबाजी आये दिन होती रहती है। इसी क्रम में भारत रफ्तार के न्यूज एडिटर जीतेश जेठनन्दानी ने ज्योति मिर्धा से एक्सक्लूसिव बातचीत की जहां उन्होंने बेनीवाल को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
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तालिबान से की RLP की तुलना
ज्योति मिर्धा ने बीते दिनों ने बयान दिया था कि आरएलपी पार्टी खींवसर को तालिबान की तरह चलाती है। इस पर जब बीजेपी नेता से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा तालिबान में लोकतंत्र नहीं है। यही काम बेनीवाल की पार्टी भी कह रही है। ये लोग डरा-धमकाकर वोट ले जाते हैं। इनके नाम में भले लोकतांत्रिक हो पर असलियत में ऐसा कुछ भी नहीं है। इस दौरान ज्योति मिर्धा ने कहा कि अब राष्ट्रील लोकतात्रिंक की पार्टी का नाम बदलकर घरा घरा यानी घर की पार्टी रख दो। जो केवल एक परिवार तक सिमट के रह गई है। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद पर निशाना साधा। बेनीवाल हमेशा कांग्रेस-बीजेपी को परिवारवाद पर निशाना साधते हैं लेकिन वो क्या कर रहे हैं। पहले भाई तो अब पत्नी को चुनाव लड़ा रहे हैं। ये उनकी कमजोरी दर्शाता है।
'फ्री में भी कोई नहीं ले रहा टिकट'
ज्योति मिर्धा से जब जाट नेताओं पर बेनीवाल के निशाना साधने से जुड़ा पूछा गया है तो उन्होंने कहा ये उनकी चाल है। वह मोहरा बनकर अपने ही समाज के वोटों को काटने की कोशिश करते हैं। गौरतलब है, चाहे मिर्धा परिवार हो, दिव्या मदरेणा या फिर गोविंद सिंह डोटासरा। सभी नेताओं पर बेनीवाल के बयान आये हैं। वहीं, ज्योति मिर्धा ने कहा वह राजस्थान में खुद को बड़ा नेता बताते हैं। बयान देते थे जरूरत पड़ी तो हर सीट पर प्रत्याशी खड़ा करेंगे लेकिन आज सात सीटों पर उपचुनाव है जहां खींवसर की छोड़ कही भी प्रत्याशी नहीं है। इन भाव इतने डाउन है कि कभी खुद को तीसरा मोर्चा बताने वाली की पार्टी की टिकट कोई फ्री में भी नहीं ले रहा है। ये मोहरे की तरह काम करते हैं। अगर कोई बड़ा नेता दूसरे बड़े नेता की सीधे तौर पर काट नहीं कर सकता तो इन्हें मोहरा बनाते हैं। सीधे भाषा में कहे तो ये दलाली काम करते हैं।
हनुमान बेनीवाल को बताया मौकापरस्त
ज्योति मिर्धा यही नहीं रुकी। उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए बेनीवाल को मौकापरस्त बताया और कहा कि जब किसान भाई आंदोलन कर रहे थे, उस वक्त ये एनडीए का हिस्सा थे। उन्होंने पहला बयान कृषि कानूनों के पक्ष में दिया लेकिन उन्होंने भांपा कि ये मुद्दा राजनीति चमकाने के साथ एनडीए को छोड़ने के लिए बिल्कुल सही है तो वह खिलाफ हो गये। उनका ऐसा कोई बयान नहीं है जिसका विपरीत बयान न मिले। वह जनता का नहीं बल्कि अपना फायदा देखते हैं।