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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 16वें वित्त आयोग से राज्य को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का किया आग्रह 

सीएम भजनलाल वित्त आयोग से यह भी अनुरोध किया कि वह राज्य में गंभीर जल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की सिफारिश करें। सीएम ने कहा, राजस्थान एक विशाल भूमि क्षेत्र और बिखरी हुई आबादी वाला राज्य है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने 16वें वित्त आयोग से राज्य को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का किया आग्रह 

16वें वित्त आयोग के दौरे पर आए सदस्यों के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने आयोग से राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, विशाल क्षेत्र और रेगिस्तानी क्षेत्र को देखते हुए केंद्र सरकार से राज्य को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की सिफारिश करने का आग्रह किया। 

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गंभीर जल संकट का उठाया मुद्दा

शर्मा ने वित्त आयोग से यह भी अनुरोध किया कि वह राज्य में गंभीर जल संकट को देखते हुए केंद्र सरकार को विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की सिफारिश करें। सीएम ने कहा, 'राजस्थान एक विशाल भूमि क्षेत्र और बिखरी हुई आबादी वाला राज्य है, जिसके परिणामस्वरूप शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, बिजली और संचार जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक लागत आती है।'

उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त लागत और राज्य की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राजस्थान को वित्तीय संसाधन आवंटित किये जाने चाहिए।
शर्मा ने कहा कि राज्य को लगभग हर साल लू का सामना करना पड़ता है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के निवासियों की आजीविका को प्रभावित करता है। इसके अतिरिक्त, रेगिस्तानी टिड्डियों से फसलों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को प्राकृतिक आपदा माना जाना चाहिए और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के तहत प्राकृतिक आपदा की परिभाषा में शामिल किया जाना चाहिए।

सीएम ने आयोग से केंद्रीय करों के वितरण के लिए एक फॉर्मूला विकसित करने का अनुरोध किया, जो क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने और समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों में आवश्यक बुनियादी ढांचे के लिए अधिक संसाधन आवंटित करने में मदद करेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य को पानी की कमी को दूर करने के लिए अनुदान मिलना चाहिए।

सीएम भजनलाल ने कहा कि अनियमित एवं अनिश्चित मानसून राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि सीमित एवं लगातार घटते जल संसाधनों के कारण राज्य को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

वित्त मंत्री दीया कुमारी ने भी समस्याओं से कराया अवगत

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने आयोग से राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और इसके 8 करोड़ निवासियों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक मानक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि आयोग राज्यों का दौरा कर उनके सुझाव जुटा रहा है। हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पंजाब के दौरे के बाद, यह आयोग की राजस्थान की चौथी यात्रा थी। उन्होंने कहा कि राज्यों से मिले सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है। चर्चा के लिए उपस्थित वित्त आयोग के सदस्यों में अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष और सचिव ऋत्विक पांडे शामिल थे।