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Rajasthan News: विवादों में भजनलाल सरकार का फैसला ! BJP कार्यकर्ता हुए नाराज, डोटासरा से 'खास' कनेक्शन

राजस्थान में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। भजनलाल सरकार के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के चुनावी एजेंट को सरकारी वकील नियुक्त करने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं। जानिए क्या है पूरा मामला और क्या होगा सरकार का फैसला?

Rajasthan News: विवादों में भजनलाल सरकार का फैसला ! BJP कार्यकर्ता हुए नाराज, डोटासरा से 'खास' कनेक्शन

राजस्थान में सियासी माहौल गरमा गया है। एक तरफ उपचुनाव की सरगर्मी है तो दूसरी ओर भजनलाल सरकार पर सभी की नजरें टिकी हैं। 10 महीनों के कार्यकाल में ऐसे कई मौके आये जब भजनलाल सरकार में असमंजसकी स्थिति देखने को मिली। कभी कार्यकर्ता नाराज दिखाई दिये तो कभी पार्टी विधायक अपने स्टाफ से खुश नहीं दिखे। यहां तब कांग्रेस नेता भी राज्य सरकार के अंदर पनपे असंतोष पर निशाना साध चुकी है। ऐसे में एक बार फिर भजनलाल सरकार और बीजेपी कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, ये मामला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के चुनावी एजेंट को सरकारी वकील बनाने से जुड़ा है। जिला बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। यहां तक कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर को पत्र लिखा है। 

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भजनलाल सरकार ने किसे बनाया वकील?

जानकारी के अनुसार भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के चुनावी एजेंट रहे पवन कुमार स्वामी को सीकर स्थित अपल जिला एंव सेशन कोर्ट लक्ष्मणगढ़ का सरकारी वकील बनाया गया है। इसी बात से बीजेपी कार्यकर्ता नाराज है। कार्यकर्ताओं ने प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौर को पत्र लेकर आपत्ति जताई है। 

'तुरंत निरस्त की कई नियुक्ति'

बीजेपी मंडल अध्यक्ष अमृत ख्यालिय-जिला उपाध्यक्ष भागीरथ गोदार ने पत्र में लिखा कि-ये नियुक्ति लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट के बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए मनोबल तोड़ने वाली है। कार्यकर्ता इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। क्षेत्र का हर कार्यकर्ता इस बात से नाराज है। ऐसे में प्रार्थना है बीजेपी सरकार में कांग्रेस के एक्टिव एजेंट की ये राजनीतिक नियुक्ति को तुरंत निरस्त किया जाये। बता दें, ये कोई पहली बार नहीं है जब ऐसा विवाद सामने आया है। इससे पहले जोधपुर में मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे को सरकारी वकील बनाने पर खूब हंगामा हुआ था। यहां तक विपक्ष भी सरकार के खिलाफ हमलावर हो गया थ। ऐसे में उपचुनाव से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी से सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है। खैर, देखना दिलचस्प होगा भजनलाल सरकार इस पर क्या फैसला करती है।